मध्य प्रदेश में युवतियों के पहनावे पर नई बहस शुरू हो गई है। राज्य के दमोह जिले में जैन समाज ने युवतियों के जींस-टॉप पहनने पर पाबंदी लगा दी है। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबू लाल गौर युवतियों के पहनावे पर सवाल खड़ा कर चुके हैं और अब दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद जैन समाज के कदम से बहस को नया बल मिला है। जैन समाज ने सरकार से जींस-टॉप और पारदर्शी परिधान पर रोक लगाने की मांग की है। गौर ने छेड़छाड़ के लिए पाश्चात्य संस्कृति के पहनावे को जिम्मेदार माना था।
दमोह के पथरिया में चल रहे जैन समाज के सिद्धचक्र महामंडल में मृदुमति माता व ब्रह्मचारी प्रदीप भैया ने युवतियों के जींस व टॉप के पहनने को उचित नहीं माना। सोमवार को प्रदीप भैया के आह्वान पर सभी ने युवतियों के जींस व टॉप के पहनने पर रोक लगाने का संकल्प लिया। जैन मुनियों के आह्वान पर युवतियों से घर से जींस-टॉप मंगाकर उनकी होली जलाई गई।
इस मौके पर राज्य सरकार के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया से राज्य विधानसभा में युवतियों के मुंह पर कपड़ा बांधने व जींस-टॉप व पारदर्शी परिधान पर रोक प्रस्ताव लाने का आग्रह किया।
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