बिहार में एक तिहाई प्रखंड पदाधिकारी आरोपी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 16 दिसंबर 2012

बिहार में एक तिहाई प्रखंड पदाधिकारी आरोपी


बिहार में एक तिहाई बीडीओ भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे हैं। पूर्वी चम्पारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अरुण कुमार प्रसाद पर न केवल अपने प्रखंड में इंदिरा आवास योजना में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है, बल्कि ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उन्हें उनके पैतृक विभाग सहकारिता विभाग में भेजने की अनुशंसा भी की है। 

बिहार में केवल अरुण ही ऐसे बीडीओ नहीं हैं, जिनकी सेवा उनके पैतृक विभाग भेजने की अनुशंसा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया है। पूर्वी चम्पारण के ही केसरिया प्रखंड के बीडीओ नंदकिशोर जायसवाल से भी इसी आरोप में पिछले वर्ष स्पष्टीकरण मांगा गया था। बिहार के ग्रामीण विकास विभाग की मानें तो बिहार के कुल 534 प्रखंडों में कार्यरत एक तिहाई बीडीओ पर विभिन्न मामलों का आरोप है। बक्सर के रहने वाले शिव प्रकाश राय ने सूचना के अधिकार के तहत जब विभाग से इसकी जानकारी मांगी तो पहले विभाग ने सूचना देने में ना-नुकुर की। बाद में राज्य सूचना आयोग के दखल के बाद छह नवम्बर को जो सूचना उपलब्ध कराई गई, उसके मुताबिक 114 ऐसे बीडीओ की सूची सौंपी गई, जिन पर कोई न कोई आरोप है। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि बिहार में कुल 181 बीडीओ ऐसे हैं, जिन पर किसी न किसी मामले में आरोप हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अधिकतर अधिकारियों पर इंदिरा आवास योजना में अनियमितता बरतने का आरोप है। 

विभाग ऐसे बीडीओ के खिलाफ कारवाई कर रहा है। मिश्रा के मुताबिक 93 आरोपी बीडीओ को उनके पैतृक विभाग में लौटाने की अनुशंसा की गई है, जबकि 75 बीडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दरभंगा सदर के तत्कालीन बीडीओ शिवनारायण आजाद ऐसे बीडीओ हैं, जिन पर एक ही व्यक्ति को दो बार इंदिरा आवास देने का आरोप है। इनकी सेवा न केवल उनके पैतृक विभाग को वापस कर दी गई, बल्कि उन पर विभागीय जांच भी चल रही है। इसके अलावा मुंगेर के तारापुर के बीडीओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, बेगूसराय के बछवाड़ा के बीडीओ नीलू पॉल और गोपालगंज के बरौली के बीडीओ उदय कुमार तिवारी भी किसी न किसी मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और कबीर अंत्येष्टि योजना में भी कई बीडीओ पर अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तह प्रत्येक दलित परिवार को 5000 रुपये और कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत महादलित परिवारों को 1,500 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिए जाते हैं। सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगाार योजना के तहत मजदूरी के बदले मिलने वाले अनाज में भी अनियमितता के आरोप पूर्वी चम्पारण के सात बीडीओ पर लगाए गए हैं, जिसकी जांच चल रही है। जमुई जिले के लक्ष्मीपुर के बीडीओ विजय कुमार सहित तीन बीडीओ पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष में दुरुपयोग के आरोप का सामना कर रहे हैं। अधिकारी हालांकि यह भी मानते हैं कि विभागीय जांच में देर हो रही है। बहरहाल, सुशासन का राज्य कहे जाने वाले बिहार में विकास योजनाओं को लागू करने में बीडीओ की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।

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