चलती बस में गैंग रेप के खिलाफ लोगों का गुस्सा आधी रात में भी उफान पर रहा। प्रदर्शनकारी रविवार रात करीब 1 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पहुंच गए। सोनिया गांधी के घर के बाहर लोग जमकर नारेबाजी करने लगे। आधी रात को भी प्रदर्शनकारियों का गुस्सा वैसा ही था। मामला बिगड़ते देख सोनिया गांधी घर से बाहर निकलीं। उन्होंने लोगों से बात करते हुए कहा कि शांति बनाए रखें दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदर्शनकारी भी आरपार के मूड में थे। उन्होंनें कहा कि हमें तय समय के भीतर फांसी की सजा से कुछ भी कम नहीं चाहिए। सेनिया गांधी ने कहा कि पूरी कोशिश की जाएगी। लेकिन प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें समय बताया जाए की कब-तक कार्रवाई की जाएगी। सोनिया गांधी ने कहा कि आपलोग शांति बनाए रखें मैं फिर सुबह मिलूंगी। सोनिया गांधी के आश्वाशन के बावजूद प्रदर्शनरकारियों के तेवर ढीले नहीं पड़े।
इससे पहले सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात कर गैंग रेप मामले में फौरन कार्रवाई किए जाने और पीड़िता की हिफाजत के लिए उचित कदम उठाने की मांग की थी। चलती बस में गैंगरेप पर दिल्ली समेत पूरे देश में उबाल के बाद आखिरकार सरकार कुछ हद तक झुक गई है। सरकार ने रेप के मामले में फांसी की सजा पर कोई ठोस वादा तो नहीं किया, लेकिन सजा बढ़ाने के लिए सीआरपीसी में संशोधन की बात मान ली है।
गृह मंत्री के अलावा सूचना मंत्री मनीष तिवारी और गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। सुशील कुमार शिंदे ने यहां तक कहा, 'मेरी भी तीन बेटियां हैं। मैं भी चिंतित हूं। हम इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। मैं लोगों से बार-बार अपील कर रहा हूं कि वे घर लौट जाएं और संयम बरतें।'
सरकार ने पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात की। शिंदे का कहना था,'जिन पुलिस अधिकारियों की ज़िम्मेदारी थी इस घटना को रोकने की उन पर कार्रवाई हो रही है।'होम मिनिस्ट्री के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इनमें एक सब इंसपेक्टर, एक हवलदार और 6 सिपाही हैं। ये हौज खास और कनॉट प्लेस थानों के हैं। लेकिन इनमें से किसी भी पुलिसकर्मी को गैंग रेप मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड नहीं किया गया है।
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