प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर उग्र हुए हड़ताली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 17 दिसंबर 2012

प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर उग्र हुए हड़ताली


संसद में प्रस्तुत किए गए प्रोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्माता जा रहा है। आरक्षण का विरोध कर रहे करीब 18 लाख सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को भी जारी है, जिससे सरकारी कार्यालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 'सर्वजन हिताय संरक्षण समिति' के बैनर तले सरकारी कर्मचारी सोमवार को राजधानी लखनऊ सहित सूबे के लगभग सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। विधेयक का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यालय के बाहर मायावती का पुतला फूंकने की कोशिश की वहीं कर्मचारियों के एक समूह ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी तोड़फोड़ की है। भाजपा कार्यालय के बाहर भी सैंकड़ों की संख्या में हड़ताली कर्मचारी डटे हुए हैं। 

कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से राजधानी में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, बिजली विभाग, निर्माण निगम, स्वास्थ्य भवन एवं अन्य प्रमुख कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। विधेयक के विरोध में सरकारी कर्मचारी सोमवार सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। सूबे के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, कानपुर आदि शहरों में कर्मचारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।

'सर्वजन हिताय संरक्षण समिति' के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, "आज संसद में आरक्षण सम्बधी विधेयक को लेकर वोटिंग होनी है। हम सभी राजनीतिक दलों के सांसदों से अनुरोध करेंगे कि वे अपने मन की आवाज सुनकर मतदान करें।" उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि समय रहते इस विधेयक को वापस नहीं लिया तो आगामी लोकसभा चुनाव में उसे गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। 

विरोध कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि पदोन्नति में आरक्षण सम्बंधी विधेयक को वापस लिया जाए। उनका कहना है कि जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस बीच पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन कर रही 'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' से जुड़े कर्मचारी एवं अधिकारी अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं। उनका दावा है कि आंदोलन की वजह से सरकारी कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है।

कोई टिप्पणी नहीं: