देश की प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के प्रबंधन ने मल्टीमीडिया मोबाइल पर रोक लगाने के अपने कदम के तहत छात्रावास में रहने वाले छात्रों से कैमरे वाले 14 फोन छीन लिए हैं। संस्थान प्रबंधन ने छात्रों को चेतावनी दी है कि कैमरे वाले अथवा मल्टीमीडिया फोन रखने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दारूल उलूम देवबंद के उप कुलपति (नायब मोहतमिम) मौलाना अब्दुल खालिक ने कहा है कि कैमरे अथवा वीडियो क्लिप्स वाले मोबाइल रखने पर रोक लगाई गई है, ताकि बच्चों पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़े। इस बारे में पूछे जाने पर दारूल उलूम के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि संस्थान के छात्रावास में कैमरे वाले अथवा मल्टीमीडिया फोन रखने पर रोक कोई नई बात नहीं है। यह फैसला मजहबी नजरिए से किया गया है।
उन्होंने इस कदम को जायज ठहराते हुए कहा कि यह फैसला बहुत लोगों को अजीब लगेगा, लेकिन हम ऐसा नहीं मानते। यह रोक इसलिए लगाई गई है, ताकि बच्चे तकनीक का बेजा इस्तेमाल नहीं कर सकें। हम बच्चों को मजहबी दायरे में रहकर शिक्षा हासिल करने और दीनी बातों पर अमल करने की तालीम देते हैं।
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