निठारी कांड मामले में सुरेन्द्र कोली को फांसी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

निठारी कांड मामले में सुरेन्द्र कोली को फांसी.


निठारी कांड से संबंधित छोटी पायल मामले में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनायी है. अदालत ने कोली को 22 दिसम्बर को छोटी पायल की हत्या, अपहरण, दुष्कर्म व साक्ष्य मिटाने आदि के लिए दोषी करार दिया था. सजा के लिए सोमवार का दिन निश्चित किया था. निठारी कांड से जुड़ा यह पांचवां मामला है, जिसमें सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनायी गयी है. उसके विरुद्ध निठारी कांड से संबंधित 11 और मामले लंबित हैं. सभी मामले गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहे हैं.

सीबीआई की विशेष जज एस. लाल ने सोमवार को छोटी पायल मामले में सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनाई. अदालत ने कोली को छोटी पायल की हत्या (आईपीसी की धारा -302) के जुर्म में उम्रकैद, हत्या के लिए अपहरण (आईपीसी की धारा 364)  के जुर्म में उम्रकैद,आईपीसी की धारा 376, 511 के तहत दस साल का कारावास व सबूत मिटाने की धारा 201 के तहत सात साल के कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने पूर्व मामलों की तरह इस मामले को भी बहुत घृणित व क्रूर माना है.

निठारी के रहने वाले मुकेश कुमार की बेटी पायल (पांच साल) 4 जून 2005 को घर से बाहर खेलते हुए लापता हो गयी थी. पायल के पिता मुकेश ने 7 जून 2005 को नोएडा पुलिस में गुमशुदगी लिखायी थ. 29 दिसम्बर 2006 को निठारी की कोठी डी-5 के पीछे के नाले की सफाई के दौरान बरामद बच्चों के सामान में पायल की चप्पलें बरामद हुई थीं. जांच के दौरान जब जांच एजेंसी ने सुरेन्द्र कोली को छोटी पायल का फोटो दिखाया था तो उसने अपहरण कर हत्या करने की बात कबूली थी. कोठी -5 के पास के नाले से बरामद 15 खोपड़ियों में से एक को चंडीगढ़ स्थित फोरेसिंक एक्सपर्ट ने छोटी पायल की खोपड़ी बताया था. सीबीआई ने कोली के खिलाफ आईपीसी की धारा 302,364, 376,511 व 201 के तहत अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी और अदालत ने इन सभी धाराओं में उसे दोषी पाकर अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनायी है.

सुरेन्द्र कोली को  निठारी कांड से ही संबंधित जिन चार और मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, उनमें सबसे पहले रिम्पा हलधर मामले में 13 फरवरी, 2009 को तत्कालीन सीबीआई की विशेष जज रमा जैन से इस केस को ‘रेयर ऑफ रेर्येस्ट’ बताते हुए सुरेन्द्र कोली व मोहिन्दर सिंह पंधेर को फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद सुरेन्द्र कोली को आरती मामले में 12 मई 2012 को, रचना लाल मामले में 28 सितम्बर, 2010 और दीपाली र्मडर मामले में 12 दिसम्बर 2010 को भी फांसी की सजा सुनायी जा चुकी है. सुरेन्द्र कोली निठारी कांड के खुलासे के समय से ही डासना जिला जेल में बंद है.

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