समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को केंद्र सरकार से मुसलमानों को नौकरियों में आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने की मांग की। सपा का कहना था कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है। एक ओर जहां आज ही के दिन अनुसूचित जातियों व जनजातियों को प्रोन्नति में आरक्षण के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में वोटिंग होनी है, वहीं सपा सदस्यों ने सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है और उन्हें नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए।
राज्यसभा में पार्टी के प्रमुख रामगोपाल यादव ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, "सच्चर समिति के अध्ययन व रिपोर्ट में कहा गया था कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है। जब आप प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन कर रहे हैं तो धर्म-आधारित आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन क्यों नहीं किया जा सकता।"
सपा के इस मुद्दे पर हंगामे के चलते प्रश्नकाल को कुछ समय के लिए स्थगित करने के बाद पार्टी की ओर से यह मांग की गई। उन्होंने कहा, "एक संवैधानिक संशोधन विधेयक लाएं और मुसलमानों को नौकरियों में आरक्षण दें। मंत्री को बताना चाहिए कि सरकार इस तरह का विधेयक कब लाएगी।" इससे पहले राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही रामगोपाल यादव ने भारतीय मुसलमानों की स्थिति पर जारी सच्चर समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग की।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने उनसे शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाने व प्रश्नकाल सुचारू ढंग से चलने देने के लिए कहा। लेकिन सपा के नरेश अग्रवाल ने पार्टी सांसदों से सभापति के आसन के नजदीक इकट्ठे होने के लिए कहा, जिसके बाद सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
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