इंडिया गेट पर कहाँ से आई ईंट की ढेर ! |
एक सप्ताह पूर्व चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई युवती को न्याय दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली में तीसरे दिन रविवार को भी जोरदार प्रदर्शन हुआ। मुख्य प्रदर्शन इंडिया गेट पर हजारों लोग शाम तक डटे रहे। पुलिस बलों ने जब उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया तो पुलिस से उनकी झड़प हो गई जिसमें लगभग 50 लोग घायल हो गए। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलवाने का वादा किया तो दूसरी ओर, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।
पुलिस ने कई जगह निषेधाज्ञा भी लागू कर दी। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने जमकर लाठियां बरसाईं, पानी की बौछार की और आंसूगैस का उपयोग किया। प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को देखते हुए राष्ट्रपति भवन की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दी गईं और रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई लेकिन आक्रोशित लोग इंडिया गेट से हटने को राजी नहीं हुए।
निकटवर्ती हैदराबाद हाउस में सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने में जुटी पुलिस के लिए जब प्रदर्शनकारियों को हटाना चुनौती बन गया तब बल प्रयोग तेज कर दिया गया जिसके जवाब में लोगों ने पुलिस और वाहनों पर पथराव किया, पानी की बोतलें और चप्पलें फेंकी। पथराव में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया और पुलिस की कार्रवाई में लगभग 50 लोग घायल हो गए।
अन्य स्थानों पर जिन लोगों ने निषेधाज्ञा नहीं मानी, उनमें से कुछ को हिरासत में लिया गया। जंतर मंतर पर बाबा रामदेव के समर्थकों ने भी प्रदर्शन किया। साथ ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। इसके अलावा कई ऐसे लोग जो किसी समूह या दल से जुड़े नहीं थे, उनमें भी जबरदस्त गुस्सा था। योग गुरु बाबा रामदेव और पूर्व सेना प्रमुख वी.के. सिंह भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस की निंदा की। योग गुरु ने जब मुख्य प्रदर्शन स्थल इंडिया गेट की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें दो किलोमीटर पहले ही रोक दिया।
रामदेव बाद में राम मनोहर लोहिया अस्पताल गए जहां इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में घायल लोग भर्ती थे। प्रदर्शनकारियों में से कुछ महिलाओं ने रविवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। सोनिया से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति जल्द ही बदलेगी और पीड़िता को जल्द ही न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहित की धारा 307 तथा 201 लगाई जाएगी।" धारा 307 हत्या के प्रयास तथा 201 सबूत मिटाने या गलत सूचना देने से सम्बंधित है।
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आर.पी.एन. सिंह तथा पार्टी की नेता रेणुका चौधरी भी छात्रों से मुलाकात के वक्त मौजूद थीं।
प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन रविवार को बंद कर दिए गए। लेकिन इसका भीड़ पर कोई असर नहीं दिखा। इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के रवैये पर नाखुशी जताई। उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोगों के आक्रोश को देखते हुए सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की। भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान यह मांग रखी।
सुषमा ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा का सहारा न लेने की अपील की। वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों को यौन प्रताड़ना के मामलों की सुनवाई प्रतिदिन करने का निर्देश दिया और यह भी बताया गया कि पांच त्वरित अदालतों (फास्ट ट्रैक कोर्ट) का गठन जल्द होगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 16 दिसम्बर को चलती बस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर दिल्ली और देश के कई शहरों में कई दिनों से प्रदर्शन जारी है।
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