इंडिया गेट पर दिल्ली पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 13वें भारत-रूस द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं. पुतिन के 15 घंटे के भारत दौरे में मुख्य जोर रक्षा सौदों पर रहेगा. यद्यपि व्यापार एवं निवेश, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर समझौते होने के आसार हैं. वार्ता में परमाणु दायित्व एवं सिस्तेमा श्याम पर भी विचार होने की सम्भावना है.
सुरक्षा कारणों के चलते प्रधानमंत्री अपने निवास पर पुतिन से मिलेंगे. इसके बाद दोनों पक्ष समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. पुतिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर दोपहर में राष्ट्रपति भवन जाएंगे. इस मौके पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज भी मौजूद रहेंगी. यात्रा से पहले क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति निवास) ने कहा कि पुतिन व्यापार, निवेश, सैन्य एवं ऊर्जा नीति के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी विकसित करने पर मजबूत कदम उठाने पर चर्चा करेंगे. इस वार्ता में सात अरब डॉलर के रक्षा सौदे होने की उम्मीद है. इसमें चार अरब डॉलर के ब्रम्होस क्रूज मिसाइल से युक्त 30 अतिरिक्त सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा है. पुतिन राष्ट्रपति के तौर पर 2000, 2002, 2004 और 2007 में भारत दौरा कर चुके हैं.
पुतिन का भारत दौरा 31 अक्टूबर को प्रस्तावित था जो टलकर 24 दिसम्बर हो गया. सूत्रों के अनुसार रूसी दूरसंचार कम्पनी सिस्तेमा श्याम के भारत में 3.1 अरब डॉलर के निवेश को बचा पाने में भारत की नाकामी से रूस खासा नाराज है. इसके अलावा दोनों देशों के मध्य कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी एवं चौथी इकाईयों पर परमाणु दायित्व के मुद्दे पर गम्भीर मतभेद हैं.
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