दिल्ली में पिछले रविवार को चलती बस में पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना अमेरिकी मीडिया में भी छाई हुई है। मीडिया इस घटना के लिए खराब कानून-व्यवस्था और लचर आपराधिक न्याय प्रक्रिया को दोषी ठहरा रही है। दिल्ली के अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती छात्रा के लिए रायसीना हिल्स पर हुए प्रदर्शन के साथ ही अमेरिकी मीडिया भी इस मुद्दे पर आवाज बुलंद कर रही है।
प्रदर्शन के संबंध में नेशनल पब्लिक रेडियो ने अपनी खबर में कहा है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, यह अभूतपूर्व है। खबर में कहा है, वे इस युवा लड़की के लिए न्याय चाहते हैं, वे चाहते हैं कि सामान्य रूप से देश की सभी महिलाएं सड़कों पर, कार्यस्थलों पर, भूमिगत पारपथों में और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में खुद को सुरक्षित महसूस करें।
न्यूयॉर्क टाइम्स की हेड-लाइन है, 'बलात्कार मामले पर प्रदर्शन के दौरान भारत में झड़प हुई'...अखबार ने लिखा है, इस समस्या की जड़ें कट्टरपंथी समाज में पैठी हुई हैं, जिसे हमेशा घरों में बंद रहने वाली शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं के बढ़ते कद से समस्या है। जननांकिकी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, भारत की आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम है और कन्या भ्रूण हत्या और लड़कियों को नजरअंदाज करने से लिंग असमानता आ रही है।
सीएनएन ने अपनी खबर में कहा है, पुलिस का कहना है कि नई दिल्ली में चलती बस में एक लड़की का बलात्कार हुआ और उसे मरणासन्न हालत तक पीटा गया। वह शहर के अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
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