Nitish Kumar |
बिहार ताइक्वांडो संघ के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी लड़कियों को भी सशक्त बनायेंगे, ताकि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति का मुकाबला कर सकें. ताइक्वांडो और जूडो- कराटे जैसी कला बिहार के साथ जुड़ी रही है. इस विधा का उपयोग किसी पर हमला करने के लिए नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं को विद्यालय और शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से हाईस्कूलों में साइकिल की योजना चलाई गई. जब यह योजना शुरू हुई, तो लोगों को आशंका थी कि लड़कियां जब साइकिल चलायेंगी, तो मनचले स्वभाव के लोग फब्तियां कसेंगे. तब इसके लिए मैंने विद्यालयों में लड़कियों को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था शुरू करवायी, ताकि वे आसानी से आत्मरक्षा कर सकें. इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया. अब स्थिति यह है कि गांवों की लड़कियां जूडो-कराटे का प्रशिक्षण लेकर विदेशों में आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं.
ताइक्वांडो में पैर का इस्तेमाल होता है. इसलिए अब लड़कियों को भी ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दिलवाने की व्यवस्था शुरू की जायेगी.
लड़कों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पैरा मेडिकल की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह हैवानियत की हद को पार कर देने वाली घटना है. ऐसी घटनाओं पर गुस्सा प्रकट करना स्वाभाविक है. महिलाओं पर अत्याचार के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करना और अपराधियों को कठोर सजा दिलाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से अपराधियों को कम समय में सजा मिल सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जगह भगवान बुद्ध की है. आज नारी सशक्तीकरण की बात हो रही है. भगवान बुद्ध ने वैशाली की एक महिला को पहली महिला बौद्ध भिक्षुणी बनाकर महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहित किया था.
मुख्यमंत्री ने कला एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों को विभिन्न प्रांतों से आये खिलाड़ियों को बोधगया, राजगीर और वैशाली का परिदर्शन कराने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी दें. हमारा अतीत गौरवशाली रहा है. मुख्यमंत्री ने तमाम अतिथियों, खिलाड़ियों एवं राज्यवासियों को क्रिसमस और नववर्ष की बधाई दी. समारोह की अध्यक्षता कला एवं संस्कृति मंत्री सुखदा पांडेय ने की. उन्होंने कहा कि पहली बार बिहार में राष्ट्रीय सीनियर ताइक्वांडो चैम्पियनशिप का आयोजन हो रहा है. बिहार में सभी तरह के खेलों का वातावरण बने और यहां पर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित हों और हमारे बच्चे इससे प्रेरणा लें, ऐसा मेरा प्रयास है.
उन्होंने कहा कि खेल में विकास तभी हो सकता है जब खेल संघों और सरकार के बीच अच्छा समन्वय बना रहे. सरकार हर स्तर पर खेल को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है. स्वागत भाषण ताइक्वांडो फेडेरशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हरीश कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि 3वीं सीनियर नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से कुल 38 टीमें आई हैं. लगभग 750 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. यह प्रतियोगिता 27 दिसम्बर तक चलेगी. इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी भारतीय ताइक्वांडो टीम का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने कहा कि फेडरेशन का लक्ष्य भारत की हर लड़की को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देना है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से चैम्पियनशिप शुरू करने की घोषणा की. ताइक्वांडो फेडेरशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री एवं कला संस्कृति मंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया.
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