- बिहार के पूर्व डीजीपी डी पी ओझा का कोर्ट में खुलासा
- राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को इस खुलासे से मिल सकती है राहत
D.P. Ojha |
राजद शासन काल में ही वर्ष 2003 में राज्य के पुलिस प्रमुख बनाए गए पूर्व डीजीपी डीपी ओझा ने रांची सीबीआई कोर्ट में यह बयान देकर सनसनी फैला दी कि सीबीआई ने चारा घोटाले में फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है। उन्होनें इस मामले में सीबीआई पर मुकदमा दायर करने की भी बात कही है। पूर्व डीजीपी का दावा है कि सीबीआई ने इस मामले में जितने भी दस्तावेज पेश किए हैं उनमें अधिकांश फर्जी हैं। डीपी ओझा ने यह बयान एक सप्ताह पूर्व चारा घोटाले की सुनवाई कर रहे रांची की सीबीआई की विशेष अदालत में दिया है।
डीपी ओझा के इस बयान के बाद बहुचर्चित चारा घोटाो की सुनवाई में नया मोड़ तो आ ही सकता है अगर पूर्व डीजीपी के दावे में दम है तो इस मामले में आरोपित किए गए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित कई आरोपितों का लाभ मिलने की भी संभावना बलवती हो जाएगी। गौरतलब है कि राजद शासनकाल में ही डीजीपी बनाए गए डीपी ओझा ने जब सीवान के तत्कालीन बाहुबली राजद सांसद मो. शहाबुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोला और उनके खिलाफ कार्यवाई शुरु की तब उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा था और वह हटाए जाते इसके पहले ही उन्होंने अपना इस्तिफा दे दिया।
1 टिप्पणी:
चारो तरफ फर्जीवाड़ा है। आंदोलन ही उपाय है।
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