नरकटियागंज (बिहार) की खबर (05 जनवरी ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 जनवरी 2013

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (05 जनवरी )


फसल नुकसान पर पिटाई

स्थानीय शहर के नन्दपुर निवासी भरत दास, उनकी पत्नी व बच्चों की पीटाई पड़ोसी जगत दास व उनके परिवार वालो ने कर डाली । मामले को लेकर भरत दास सपरिवार शिकारपुर पुलिस थाना में अहले सुबह पहुंचा। शिकारपुर पंुलिस मामले की छानबीन कर रही है। बताते है कि मंदिर की जमीन पर लगे गोभी की नकदी फसल भरत की भैंस ने नुकसान किया, जिसके कारण जगत दास ने भरत और उसके परिवार वालों को अपने परिवार के साथ मारा पीटा ।

याचना नही अब रण होगा, संघर्ष यहाँ भीषण होगा

पात्रता परीक्षा उतीर्ण अभ्यर्थी संगठन (एसटीईटी एवं टीईटी) के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि सरकार की मंशा पहले से शिक्षक बहाली की नहीं बल्कि बिहार की प्रतिभाओं के भावनाओं के साथ शिक्षामंत्री व सरकार बलात्कार करते हुए अपनी राजनैतिक रोटी संेक रहें है। अन्यथा बार बार स्मारित करने के बाद भी सरकार अपनी गलत नीतियो पर डटी रही है, इसे क्या माना जाए। यदि वास्तव में बिहार की सुशासन की सरकार बिहारी बेरोजगार युवा प्रतिभाओ के साथ मजाक नहीं करना चाहती तो सीट के मुकाबले कम परिणाम घोषित करने के साथ सभी उतीर्ण अभ्यर्थियों को पटना के गाँधी मैदान में बुलाकर एक साथ सबको नियुक्ति पत्र दे देती और सम्मान बढाती ताकि बिहार के साथ देश को नयी दिशा मिलती। श्री कुमार ने कहा कि 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी जी ने सभी डिप्लोमा धारको को एक ही बार में गाँधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया था। पात्रता परीक्षा उतीर्ण अभ्यर्थी संगठन ने ऐलान किया है कि बिहार सरकार के शिक्षक बहाली कानून में बदलाव नहीं लाने से करीब दो लाख परिवार के भविष्य के सामने अंधेरी सुरंग नजर आने लगी है इसलिए 22 जनवरी 2013 को पटना के कारगील चैक(गाँधी मैदान) पहुंचकर चटटानी एकता का परिचय देते हुए सरकार से इस दिशा में ठोस पहल कर एक साथ सभी उतीर्ण अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र देने पर मजबूर करे ।

मिल परिसंघ व सरकार के गठजोड़ से किसानो को नहीं मिल रहा लाभकारी मुल्य

भारतीय किसान संघ ने चीनी मिल परिसंघ के दमनात्मक रवैये और गन्ने की लाभकारी कीमत को लेकर न्यु स्वदेशी सुगर मिल गेट, गन्ना यार्ड और हजारी में शनिवार को नुक्कड़ सभा किया । नुक्कड़ सभा का नेतृत्व विजय नारायण राव ने किया । उन्होने कहा कि सूखी लकड़ी जलावन की लोग 700 से 1000 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे है। जबकि किसान पंूजी, समय और जमीन लगा कर उसके उत्पाद का लाभकारी मूल्य प्राप्त नहीं कर पा रहा है। इसके लिए निश्चित रूप से मीलहे और सरकार का गठजोड़ जिम्मेदार है। सरकार ने अब तक गन्ने का समर्थन मुल्य निर्धारित नहीं किया और उसके सुर में सुर मिलाते हुए चीनी मिलो के परिसंघ ने भी कोई दर तय नहीं किया है। किसानो को गन्ना के उत्पादन में प्रतिक्विंटल 250 रूपये लागत खर्च है, इसलिए किसानो के लागत को देखते हुए किसानो के मुनाफा को ध्यान में रखते हुए सरकार शीघ्र नयी गन्ना नीति बनाये और किसानो को उसका वाजिब हक मुहैया कराये । एक गन्ना से मिल इथेनाॅल, चीनी, बगास, अल्कोहल और फ्रेसमड तैयार कर लाभ कमा रहा है जबकि किसानो को हमेशा कम लाभ की बात कर उसके उचित मूल्य से दूर रखता है।  नुक्कड़ सभा में शामिल किसान नेताओं में गौरीशंकर चैरसिया, विशुनदेव यादव, रामनाथ शर्मा, ललन सिंह, अरविन्द सिंह उर्फ टुन्ना, बासुदेव महतो, महम्मद जुम्मन अंसारी, शुभनारायण शुक्ल मुख्य है।



(अवधेश कुमार शर्मा) 

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