नए साल की शुरुआत देश ने एक नए नीतिगत सुधार से की। सात कल्याणकारी योजनाओं में नकद सब्सिडी हस्तांतरण योजना मंगलवार को 16 राज्यों के 20 जिलोंे में लागू हो गई। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के लिए शैक्षिक छात्रवृत्ति, इंदिरा मातृत्व योजना, धनलक्ष्मी योजना और विधवाओं के लिए पेंशन जैसी योजनाओं में नकद सब्सिडी हस्तांतरण लागू किया गया है। फिलहाल खाद्य, ऊर्वरक, डीजल और मिट्टी के तेल से सम्बंधित सब्सिडी को इससे बाहर रखा गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने इसे किसी जादू से कम नहीं कहा, जो योजनाओं और लाभार्थियों के बीच से बिचौलियों को बाहर निकाल देगा और गरीबों को पूरी सब्सिडी उपलब्ध कराएगा। चिदम्बरम ने सोमवार को कहा, "यह शासन व्यवस्था की रूपरेखा बदल देगा।" मार्च 2012 को समाप्त कारोबारी साल में देश का बजट घाटा 5.8 फीसदी था, जिसमें कल्याणकारी खर्च का बहुत अधिक योगदान है।
सरकार के मुताबिक नकद सब्सिडी से तंत्र से भ्रष्टाचार दूर होगा और सरकार के पास पैसे बचेंगे। माना जा रहा है कि एक जनवरी से दो लाख लाभार्थियों को नकद सब्सिडी मिलेगी। फरवरी और मार्च में योजना के दायरे में 23 और जिलों को शामिल कर लिया जाएगा और इसे दायरे में बाकी बची 19 योजनाएं भी आ जाएंगी।
योजना के लिए पहले 16 राज्यों में 51 जिलों का चुना किया गया था। बाद में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुजरात से चार और हिमाचल प्रदेश से चार जिलों को बाहर कर दिया गया। पहले चरण में कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुच्चेरी, चण्डीगढ़ तथा दमन और दीव को शामिल किया गया है।
एक फरवरी से केरल, हरियाणा, सिक्किम, गोवा, आंध्रप्रदेश तथा झारखंड के 11 और जिले और एक मार्च से त्रिपुरा सहित कुछ अन्य राज्यों के 12 और जिलों को येाजना में शामिल कर लिया जाएगा। योजना का लाभ बदल कर अब नकद लाभ भुगतान (डीबीटी) कर दिया गया है।
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