भारतीय मिसाइल तकनीक के जनक कहे जाने वाले डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने खुलासा किया है कि वर्ष 1998 में किया गया परमाणु परीक्षण दरअसल दो वर्ष पहले 1996 में ही किया जाना था, लेकिन बदले राजनीतिक समीकरणों के कारण यह नहीं हो सका।
डा. कलाम ने कहा है कि 1996 के आम चुनाव के परिणाम घोषित होने से दो दिन पहले ही उनके पास तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव का फोन आया और उन्होंने तुरंत मिलने के लिए उन्हें अपने पास बुलाया। इसके तुरंत बाद डा. कलाम अपने दो साथियों के साथ राव के पास पहुंचे तो उन्होंने दो दिन में परमाणु परीक्षण करने के लिए तैयार रहने का निर्देश डा. कलाम को दिया। डा. कलाम उस वक्त रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहाकार थे। लेकिन दो दिन बाद जब चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुरूप नहीं आए और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई तो देश की राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई।
बाद में राव ने उस वक्त सत्ता की कमान संभालने वाले अटल बिहारी वाजपेयी को इस परमाणु परिक्षण की सारी जानकारी दी और यह सुनिश्चित कराया कि यह परिक्षण जल्द किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने यह खुलासा गुरुवार को आयोजित सातवें आरएन काव मेमोरियल लेक्चर के दौरान किया। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम विपरित आने के बाद एक बार फिर पीवी नरसिम्हाराव ने उन्हें फोन किया और सभी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि अब यह काम वाजपेयी साहब के हवाले है।
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