टाटा ग्रुप के नए चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने पदभार संभालते ही बड़ी निवेश योजनाओं की घोषणा की है। अपने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में मिस्त्री ने कहा है कि ग्रुप अपने विभिन्न व्यवसायों में अगले दो वर्षों के दौरान 45,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। मिस्त्री के पहले संदेश में एक तरफ जहां बड़े निवेश की बात है, तो दूसरी तरफ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि चेयरमैन बदलने से ग्रुप की आत्मा और उसके मुख्य उद्देश्य कोई बदलाव नहीं होगा।
ग्रुप के चेयरमैन के तौर पर कर्मचारियों को भेजे गए अपने पहले संदेश में मिस्त्री ने कहा कि भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में विस्तार की कोशिशें जारी रहेंगी। उन्होंने ग्रुप की कंपनियों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लीडरशिप पोजीशन हासिल करने की दिशा में काम करें। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह 28 दिसंबर,2012 को रतन टाटा की सेवानिवृत्ति के बाद मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की कमान संभाली है।रतन टाटा 50 वर्षों से ज्यादा वक्त तक टाटा ग्रुप को दिशा देते रहे, जिसमें से 21 वर्षों तक वे कंपनी के चेयरमैन रहे थे।
टाटा ग्रुप के नए मुखिया ने कहा कि चेयरमैन बदल जाने से कुछ बदलाव आते ही हैं, लेकिन इससे टाटा ग्रुप की आत्मा और उसके उद्देश्यों में कोई बदलाव नहीं होगा। उनका कहना था कि हमारे स्पर्धियों और टाटा ग्रुप में सिर्फ एक फर्क है। वह है- ग्रुप का डीएनए, उसकी आत्मा।इसके बगैर हम में और हमारे स्पर्धियों में कोई फर्क नहीं है।
निवेश योजनाओं के बारे में मिस्त्री का कहना था कि पिछले तीन वर्षों में ग्रुप ने 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किया है और रोजगार के 85,000 नए अवसर सृजित किए हैं।अब ग्रुप अगले दो वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा हमें वैश्विक बाजार में अपनी पहुंच और गहराई बढ़ाने पर गंभीरता से काम करना होगा। हमें एशिया, अफ्रीका व लैटिन अमेरिका के उभरते बाजारों में अपनी भूमिका का विस्तार करने की जरूरत है।वित्त वर्ष 2011-12 की समाप्ति पर टाटा ग्रुप के कर्मचारियों की कुल संख्या 4.56 लाख थी। चेयरमैन के तौर पर मिस्त्री ने अपने कर्मचारियों को कुछ चेतावनी भी दी है।
उन्होंने अपने कर्मचारियों से दो-टूक कहा है कि वे आत्म-मुग्धता में बिलकुल नहीं रहें। इतिहास गवाह है कि जिन ग्रुपों ने आत्म-मुग्धता दिखाई और विरासत का गुण गाते रहे, वे स्पर्धा में पिछड़ गए। हम एक बेहद स्पर्धी वातावरण में रह रहे हैं। ऐसे में हमें अपने अप्रोच को बदलना होगा और नवीनता लानी होगी।
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