कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र में न्यूनतम तापमान शून्य से 17 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चले जाने से वहां नलों और डल झील में पानी आंशिक रूप से जम गया है। आज भी राजधानी में सर्दी अपना कहर बरपा रही है। आज सुबह पारा गिरकर पांच डिग्री से. तक पहुंच गया था। हालांकि कल से थोड़ी सी बेहतर स्थिति है। दिल्ली में लोग हवाओं की सर्द लहर से लोग कांप रहे हैं। चार दिन से लगातार गहरे कोहरे की वजह से हवाई यातायात में काफी दिक्कतें हुईं लेकिन अन्य दिनों की तुलना में आज स्थिति सामान्य है। इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा के सूत्रों के मुताबिक कोहरे की वजह से आज तीन उड़ाने रद्द कर दी गईं सात उड़ानों में देर हुई।
बुधवार को कड़ाके की ठंड ने पिछले 48 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली के अधिकतम तापमान में सामान्य से 11 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी पांच दिन तापमान ऐसा बने रहने की उम्मीद है। तापमान में गिरावट की वजह पश्चिम विक्षोभ और उससे उत्तरी भारत में हुई बर्फबारी है। इसके अलावा ठंडी हवाओं का उत्तरी भारत में चल रहा चक्रवात भी मौसम को ठंडा बनाए हुए है।
सहायक मौसम वैज्ञानिक ओमप्रकाश बताते हैं कि एकदम से राजधानी के तापमान में हुई गिरावट का कारण दिल्ली से उत्तराखंड और उत्तराखंड से जम्मू-कश्मीर फिर वहां से वापस दिल्ली होकर चलने वाली ठंडी हवाओं का चक्रवात है। इससे बुधवार रात को तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस से गिरकर चार डिग्री सेल्सियस हो गया।
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को जहां अधिकतम तापमान 15.3 डिग्री रहा वहीं बुधवार को यह गिरकर 9.8 डिग्री हो गया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में गिरावट के अलावा अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच अंतर की कमी से भी ठंड बढ़ी है।
गौरतलब है कि साल के पहले दिन आगरा में पारा लुढ़ककर 0.9 डिग्री पर पहुंच गया, जो यूपी में सबसे कम है। उत्तर भारत का मैदानी इलाका भीषण ठंड की चपेट में है। साल की विदायी और अगवानी के दौरान आगरा और नारनौल (हरियाणा) सबसे ठंडे रहे, जहां पर पारा गिरकर 0.9 और 0.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। राजस्थान के चुरू में भी पारा 0.7 डिग्री तक गिरा।
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