कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश के तहत गुरुवार को सागरिका भट्टाचार्य को अपने दोनों बच्चों को अपने साथ रखने की इजाजत दे दी। गौरतलब है कि नार्वे की एक अदालत ने इन बच्चों की देखभाल का जिम्मा उनके चाचा को सौंपा था।
अदालत ने कहा कि जिस तरह से सागरिका अपने दोनों बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को उनके चाचा अरूणभास भट्टाचार्य के घर से अपने साथ ले गईं, वह तरीका वांछित नहीं था, लेकिन मां अपने बच्चों की स्वभाविक रूप से अभिभावक होती है।
अदालत ने यह भी कहा कि बच्चों के चाचा ने उनकी उचित देखभाल की है और वह हफ्ते में एक बार उनसे मिल सकते हैं। हालांकि, बच्चों के चाचा अदालत कक्ष में उपस्थित नहीं थे। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त ने बच्चों के माता पिता से अभिज्ञान का उचित मनोचिकित्सीय उपचार कराने और उसके मुताबिक अदालत को सूचित करने को कहा। दरअसल, उसमें कुछ असमान्य गतिविधियां पाई गई थी। दोनों बच्चों पिछले साल 24 अप्रैल को नार्वे से लौटे थे और वर्धमान जिले के कुल्टी में अपने चाचा के पास थे।
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