झारखंड में नक्सलियों ने घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए एक जवान के पेट को चीरकर उसमें एक बम रख दिया। पोस्टमार्टम के समय चिकित्सकों की नजर उस पर गई और उन्होंने अलार्म बजाया। बम को बाद में निष्क्रिय कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी गुरुवार को दी। ज्ञात हो कि गत मंगलवार को लातेहार जिले में नक्सलियों ने गश्त कर रहे सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 11 जवान शहीद हो गए थे। बुधवार को केवल चार बरामद किए गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पोस्टमार्टम के लिए शवों को रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में ले जाया गया, तब चिकित्सकों ने सीआरपीएफ के एक जवान के पेट पर कटे का निशान पाया। जवान के पेट के अंदर जब बम होने का संदेह हुआ तब चिकित्सकों ने पुलिस को बुलाया। बम निरोधक दस्ते ने बम को निष्क्रिय कर दिया।
मंगलवार को हमले के बाद अतिरिक्त बलों को भेजा गया था जिन्होंने सीआरपीएफ के कुछ जवानों को बचाया था तथा कुछ शव भी बरामद किए थे। नक्सलियों ने सीआरपीएफ के मददगार होने के संदेह में दो ग्रामीणों की भी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने कहा कि नक्सलियों ने झूठे संदेश भेजकर लातेहार के अमुआटीकर गांव के समीप सुरक्षा बलों को लालच के जाल में फंसाया था। इस कारण सोमवार को दोपहर बाद सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जो बुधवार शाम तक जारी रहा। उल्लेखनीय है कि झारखंड के 24 जिलों में से 18 में नक्सली सक्रिय हैं।
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