झारखंड की चार कोयला खानों का आवंटन रद्द करने संबंधी अंतर-मंत्रालयीय समिति की सिफारिश पर कोयला मंत्रालय दोबारा विचार कर रहा है. राज्य सरकार ने केंद्र से इस सिफारिश पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था.
अंतर-मंत्रालयीय समूह ने समय से खानों का विकास न करने के आरोप में जेएसएमडीसी को दी गई चार खानों-राबोडीह, पतरातू, लातेहार और पिंड्रा-देबीपुर-खोवातांड- का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की थी.
कोयला मंत्रालय को झारखंड सरकार से झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को आवंटित चार खानों के संबंध में अभ्यावेदन मिला था. ये वे खाने हैं जिनके आवंटन को वापस लेने की सिफारिश की गयी थी. कोयला मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार के अभ्यावेदन के बाद कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल अधिकारियों से इस मामलों पर फिर विचार करने और पत्रालवी फिर प्रस्तुत करने को कहा है.
कोयला मंत्रालय ने पिछले साल जेएसएमडीसी को तय समयसीमा में इन चार खानों को विकसित नहीं करने के संबंध में नोटिस जारी किया था. पिछले साल सरकार 24 खानों का लाइसेंस रद्द किया था और कुछ की बैंक गारंटी काट ली थी. जेएसपीएल, आर्सेलरमित्तल, जीवीके पावर, जेएसडब्ल्यू स्टील, भूषण स्टील जैसी बड़ी कंपनियों को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है.
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