वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अगुवाई वाले दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की एक बैठक गुरुवार को हुई. इसमें स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया. अब अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक 7 जनवरी को फिर होगी.
बताया जा रहा है सरकार उन दूरसंचार कंपनियों के लिए कोई विकल्प तलाश रही है जिनका 2जी लाइसेंस 18 जनवरी के बाद रद्द हो जाएगा. ये ऐसी कंपनियां हैं जो भारत में परिचालन जारी रखने को इच्छुक हैं. एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा, 'यदि लाइसेंस समाप्त हो रहा है, तो कौन उच्चतम न्यायालय जाएगा. इन मुद्दों पर निश्चित रूप से फैसला होना है. लेकिन निश्चित रूप से उनके कारोबार को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता. कुछ न कुछ तो करना ही होगा.'
सूत्र ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार अगली नीलामी पूरी होने तक लाइसेंस के विस्तार की मांग के लिए उच्चतम न्यायालय जाएगी. सूत्र ने कहा कि यह मुद्दा मंत्री स्तर पर तय हो जाएगा. इसके लिए अधिकार प्राप्त मंत्री समूह तक जाने की जरूरत नहीं होगी. पिछले साल फरवरी में जिन दूरसंचार कंपनियों का लाइसेंस उच्चतम न्यायालय के आदेश से रद्द हुआ है उनको 18 जनवरी, 2013 तक परिचालन की अनुमति है. इसके बाद वे परिचालन तभी जारी रख पाएंगी, जब वे नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल कर चुकी होंगी.
शीर्ष अदालत के आदेशानुसार सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के 21 लाइसेंस, टेलीनॉर के नियंत्रण वाली यूनिनॉर के 16, वीडियोकॉन के 15 और टाटा टेलीसर्विसेज के 3 सीडीएमए लाइसेंस 18 जनवरी से रद्द हो जाएंगे. टेलीनॉर यूनिनॉर के 6 लाइसेंस नई इकाई टेलीविंग्स कम्युनिकेशंस को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में है. इसे हाल में स्पेक्ट्रम मिला है. सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी 18 जनवरी से पहले होने की संभावना नहीं है. यह संभवत: मार्च में होगी.
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