पाकिस्तान में इस साल होने वाले आम चुनाव सेना की देखरेख में हो सकते हैं। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त फखरुद्दीन इब्राहिम ने बुधवार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम चुनाव सेना की देखरेख में कराने की सिफारिश की।
चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था का जायजा लेने के लिए इब्राहिम की अध्यक्षता में संघीय और प्रांतीय सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। इब्राहिम ने कहा कि पोलिंग स्टेशनों पर सशस्त्र जवान तैनात किए जाने चाहिए। वे नतीजों का ऐलान होने तक पोलिंग स्टेशनों पर तैनात रहें। वैसे चुनाव आयोग हाल के हफ्तों में चुनावों की तैयारी के लिए कई बैठकें कर चुका है, लेकिन सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित यह पहली बैठक थी। पाकिस्तान में इस साल अप्रैल या मई में आम चुनाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा, 'चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए। सबसे बड़ी समस्या कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। अगर कानून-व्यवस्था बरकरार रहती है तो फिर ऐसी कोई वजह नहीं है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष न हों।'
इब्राहिम ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने उन्हें चुनावों के दौरान पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। बैठक में रक्षा सचिव, गृह सचिव, फ्रंटियर कॉर्प्स और पाकिस्तान रेंजर्स के प्रमुख और चार प्रांतों के मुख्य सचिव मौजूद थे। चुनाव आयोग सभी पक्षों के साथ सलाह-मशविरे के बाद विस्तृत सुरक्षा योजना तैयार करेगा। उसने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सुझाव देने के लिए कहा है।
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