हिंदू कट्टरवाद के बढ़ने का कोई खतरा नहीं:आडवाणी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

हिंदू कट्टरवाद के बढ़ने का कोई खतरा नहीं:आडवाणी


भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का कहना है कि कुंभ मेले जैसे विशाल धार्मिक जमावड़े से हिंदू कट्टरवाद के बढ़ने का कोई खतरा नहीं है और यह बात इस तथ्य से साबित होती है कि अपना धार्मिक अनुष्ठान पूरा करके लौटने वाले श्रद्धालुओं में से अधिकतर चुनावों में धर्मनिरपेक्ष दलों के पक्ष में मतदान करते हैं।

आडवाणी ने अपने ब्लॉग में बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार मार्क टली के संस्मरणों के हवाले से यह बात कही है। ब्लॉग के अनुसार टली कुंभ मेले को कवर करने इलाहाबाद गए और संत बख्श सिंह (पूर्व सांसद) के यहां ठहरे। 

आडवाणी ने बताया कि संत बख्श सिंह से टली के इस सवाल का बड़ा दिलचस्प जवाब दिया कि क्या इतने बड़े धार्मिक जमावड़े से हिन्दू कट्टरवाद नहीं बढ़ेगा। सिंह ने कहा कि देखिए, आप अच्छी तरह जानते हैं कि संगम में स्नान करके लौटने वालों की इस विशाल संख्या में से अधिकतर कांग्रेस या जनता दल जैसे सेकुलर दलों के पक्ष में मतदान करेंगे। ऐसे में धर्मनिरपेक्षता को खतरे का सवाल कहां उठता है।
    
कुंभ मेले के बारे में उन्होंने टली के हवाले से कहा, दुनिया में कोई भी अन्य देश कुंभ मेले जैसा आयोजन नहीं कर सका है। यह आयोजन बहुत बदनाम भारतीय प्रशासन के लिए जीत और भारत की जनता के लिए उससे भी बड़ी जीत है। लेकिन अंग्रेजी भाषा की प्रेस इस जीत (आयोजन) के प्रति घणा जैसा भाव रखती है। वह इसे दकियानूसी मानती है।

आडवाणी ने ब्लॉग में यह सुझाव भी दिया कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के विवाद को समाप्त करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दूर संवेदी केन्द्र की सहायता से सही अनुमान लगाने को कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह 2010 में हरिद्वार में कुंभ मेला में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर मीडिया में विवाद को देखते हुए उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से कहा कि वह उपग्रह से श्रद्धालुओं को अनुमान लगावाएं। उनके अनुसार पोखरियाल ने इसरो से उपग्रह द्वारा अनुमान लगावाया और उससे पता चला कि 14 अप्रैल 2010 को प्रमुख शाही स्नान के दिन एक करोड़, 63 लाख, 77 हजार पांच सौ लोगों ने पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाई। भाजपा नेता ने उम्मीद जताई कि इसरो खुद की पहल पर प्रयागराज (इलाहाबाद) में चल रहे कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का भी आंकलन करेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: