दिल्ली में बढ़ते बलात्कार के मामलों को देखते हुए जागी दिल्ली सरकार ने स्कूलों में जल्द ही जेंडर एजूकेशन की पहल की जाएगी. शिक्षा विभाग इसी सत्र से इसे लागू करने की तैयारी में है. विभाग के मुताबिक इस यौन शिक्षा को नैतिक या जेंडर एजूकेशन के तहत पढ़ाया जाएगा. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि गैंगरेप मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह अपराध को रोकने के लिए बचपन से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा और जेंडर एजूकेशन होनी चाहिए.
दिल्ली सरकार ने स्कूल में ही बच्चों को जागरूक बनाने के लिए यह कवायद शुरू की हैं. इससे यह लाभ होगा कि बच्चे बचपन से ही लड़का-लड़की के भेद को खत्म करने वाले पाठ पढ़ेंगे और जागरूक होंगे. दिल्ली सरकार के मातहत छोटे-बड़े 1500 सरकारी और साढ़े तीन हजार के लगभग निजी विद्यालय हैं. बताया जा रहा है कि सरकार ने एनसीआरटी की किट युवा का अध्ययन किया था लेकिन उसे मानकों पर खरा नहीं पाया गया है. लिहाजा अब शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर कायदे कानून तलाशना चालू कर दिया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के बच्चों को बचपन से लड़के-लड़की के भेद को खत्म करने के अलावा समाज के प्रति उनके दायित्व और उनकी य़ौन जिज्ञासाओं को सकारात्मक ढंग से तैयार मॉडल पाठ की मदद से पढ़ाया जाएगा. इसके लिए सरकार कक्षा एक से 11 तक विद्यार्थियों के लिए कक्षावार अभ्यासपत्र भी तैयार करेगी जिससे उनके मानसिक मनोविज्ञान को स्पष्ट आधार मिल सके. इसके अलावा सरकारी स्कूलों में भी कांउसलर लगाए जाएंगे जो विद्यार्थियों की कांउसलिंग करेंगे.
सरकार की जेंडर एजूकेशन की ख्वाइश हकीकत में तब्दील होगी या फिर कागजों में ही दावो के घोड़े दौड़ेंगे ये तो आने वाला समय तय कर पाएगा.
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