दूसरे साल भी भारत पोलियो मुक्त रहा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

दूसरे साल भी भारत पोलियो मुक्त रहा.


सरकार वर्ष 2012 में स्वास्थ्य संबंधी कई नीतियों पर विभिन्न कारणों के चलते पहल नहीं कर पाई, जबकि डेंगू और जापानी बुखार (जापानी इन्सैफेलाइटिस) से मौत का सिलसिला जारी रहा और देश के सामने इन बीमारियों से बचाव तथा इनकी रोकथाम की चुनौती रही।

 देश के लिए अच्छी बात यह रही कि लगातार दूसरे साल भारत पोलियो मुक्त रहा और उसकी यह उपलब्धि इस साल भी रही तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से उसे अगले साल पोलियो मुक्त देश का दर्जा मिल जाएगा। संप्रग की महत्वाकांक्षी योजनाएं...सर्वव्यापी स्वास्थ्य कवरेज, सरकारी अस्पतालों में दवाओं की मुफ्त आपूर्ति और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन का कार्यान्वयन नहीं किया जा सका। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2013 में इनकी शुरुआत का वादा किया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए योजनागत आवंटन जीडीपी का 2.5 फीसदी भी नहीं हुआ जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वादा किया था कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना में आवंटन 11वीं पंचवर्षीय योजना से अधिक होगा। स्नातकोत्तर स्तर पर चिकित्सकीय पाठयक्रमों में प्रवेश के लिए पहली बार वर्ष 2012 में राष्ट्रीय प्रवेश सह योग्यता परीक्षण हुआ और सफल रहा, लेकिन एमबीबीएस तथा दंत चिकित्सा के करीब 45,000 पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा में विलंब हो गया। यह परीक्षा अब 2013 में होगी।

कोई टिप्पणी नहीं: