कृषि विकास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मंगलवार को मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण अवॉर्ड से नवाजा गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों दो करोड़ रुपए का चेक, शील्ड और प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया। अवॉर्ड लेकर लौटे मुख्यमंत्री ने भोपाल में कहा कि प्रदेश को यह उपलब्धि सिंचाई क्षमता बढ़ाने, अच्छे बीज, समय पर खाद और किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने से हासिल हुई।
कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति ने दिया ‘कृषि कर्मण’ अवॉर्ड सरकारी अमले ने उपलब्धि को भुनाने की तैयारियां शुरू कीं नई दिल्ली चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए राहत की बात है। हाल ही में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में योजना आयोग द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना में मध्यप्रदेश की विकास दर को देश के पहले पांच राज्यों में आंकने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुख्यमंत्री को कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा। इसके चलते प्रदेश के प्रशासनिक अमले ने भी इसे भुनाने की जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
मप्र को यह अवॉर्ड वर्ष 2011-12 सबसे अधिक खाद्यान्न उत्पन्न करने के लिए श्रेणी-1 के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रपति के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया। सरकारी अमला इसे शिवराज सरकार की अहम उपलब्धि के तौर पर जोर-शोर से प्रचारित करने की तैयारियों में जुट गया है। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री तारिक अनवर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
प्रशस्ति पत्र ग्रहण कर लौटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि विकास दर में सभी राज्यों को पीछे छोड़ने की यह उपलब्धि सरकार के फैसलों के असर और किसानों की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि गेहूं के समर्थन मूल्य में 65 रुपए का इजाफा पर्याप्त नहीं है। केंद्र सरकार को समर्थन मूल्य 1600 रुपए प्रति क्ंिवटल करना चाहिए। प्रेस कांफ्रेंस में चौहान ने कहा कि पुरस्कार की तीन ही श्रेणी बनाई गई थीं। इनमें कुल खाद्यान्न उत्पादन वृद्धि दर, गेहूं, चावल और मोटा अनाज उत्पादन वृद्धि। तिलहन की कोई श्रेणी नहीं थी।
यह श्रेणी भी होती तो मप्र का प्रदर्शन और श्रेष्ठ होता क्योंकि हम सोयाबीन उत्पादन में लगातार नंबर वन राज्य हैं। मप्र को कृषि में यह उपलब्धि सिंचाई क्षमता 21 लाख हेक्टेयर तक पहुंचना, अच्छा बीज, समय पर खाद और पहले एक तथा फिर शून्य प्रतिशत ब्याज दर की जाने से हासिल हुई है। मप्र जैविक खेती के मामले में भी अव्वल राज्य है। चौहान ने कहा कि अनाज भंडारण की समस्या को कम करने के लिए 25 लाख मीट्रिक टन क्षमता वृद्धि की जा रही है। हर प्राथमिक सहकारी समिति के स्तर पर एक गोदाम बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मप्र उद्योग के क्षेत्र में भी श्रेष्ठ विकास दर हासिल करने वाला राज्य बने।
यह पूछे जाने पर कि मप्र ने जब यह उपलब्धि हासिल कर ली है तो क्या वे राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाएंगे? चौहान ने सवाल को टालते हुए कहा कि मेरी सीमा मेरा मप्र है। उन्होंने प्रदेश के विकास के संबंध में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के आरोपों के संबंधों में कहा कि उनका काम केवल आरोप लगाना ही है। उन्हें देखना चाहिए कि अवार्ड केंद्र की सरकार दे रही है। राजधानी में आज युवा पंचायत, बेरोजगारों के लिए मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना का ऐलान करेंगे।
जंबूरी मैदान में बुधवार को युवा पंचायत का आयोजन किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के बेरोजगारों के लिए मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना का ऐलान करेंगे। पंचायत में प्रदेशभर से एक लाख युवाओं को बुलाया गया है। चौहान युवाओं की राय भी जानेंगे।
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