यह बात सोलह आने सच है कि भारत में 'छोटा पाकिस्तान' और 'लादेन नगर' नाम की बस्तियां भी मौजूद हैं। इस बात का सबूत हैं इन इलाकों के बिजली बिल। लेकिन इस सब में यहां के लोगों का कोई दोष नहीं है। सरकारी कागज़ात में ही इन जगहों के नाम ऐसे रखे गए हैं। मुंबई के नाला सोपारा की झुग्गियों में बसीं दो बस्तियों को ये नाम दिए गए हैं। जब मामाला मीडिया में आया तो राज्य सरकार इसकी जांच कराने और दोषियों को दंडित करने की बात कह रही है।
पुलिस ने इन बस्तियों के ये नाम दिए और सरकारी बिजली कंपनी ने उसी नाम से बिजली बिल भेजकर आधिकारिक रूप से इस नामाकरण पर मुहर लगा दी। राज्य की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी यानी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कम्पनी में इन बस्तियों को इसी नाम से जाना भी जाता है। यह मामला तब सामने आया जब आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन के लिए रेजिडेंस प्रूफ के तौर पर यहां के लोगों ने अपने बिजली के बिल जमा करवाए।
इन बस्तियों में रहने वाले ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। इलाके के लोग इस बात से आहत हैं कि उनका नाम पाकिस्तान और अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के साथ जोड़ा जा रहा है। बताया गया कि इस इलाके का असली नाम लक्ष्मी नगर है। स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद किसी भी सरकारी अधिकारी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। उनका आरोप है कि इस घपले की जानकारी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को थी लेकिन वहां के अधिकारियों ने इसे ऐसे ही जाने दिया।
जब जांच की गई तो सामने आया कि संतोष नगर और पश्चिमी एक्सप्रेस हाइवे के बीच की इस जगह पर कुछ समय पहले यहां के लोकल बिल्डर माफिया और पुलिस के बीच काफी टेंशन चल रही थी। उसी दौरान पुलिस ने इस इलाके का नाम छोटा पाकिस्तान रख दिया और यह नाम प्रचलन में आ गया। स्थानीय कॉर्पोरेटर छाया पाटिल ने यह मुद्दा उठाया। तब यह बात डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और राज्य बिजली विभाग के संज्ञान में लाई गई। इसी बीच राज्य अल्पसंख्यक समुदाय ने बिजली विभाग को बिलों पर हुई इस गंभीर चूक की जांच करने की ताकीद की है।
राज्य के पावर मिनिस्टर अजीत पाटिल ने इस मामले में जांच के बाद ऐक्शन लेने का वादा किया है। उन्होंने एनडीटीव से बात करते हुए कहा,'अधिकारियों के इस रवैये से मैं अचंभित हूं। मैंने दोपहर में मीटिंग बुलाई है और जो भी इस चूक के लिए जिम्मेदार है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
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