बिहार में प्रदेश के मुख्य सचिव एके सिन्हा ने निर्देश दिया कि अवैध शराब करोबारियों के खिलाफ तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर उनकी संपति जब्त की जाए. अवैध शराब की बिक्री एवं शराब माफियाओं के विरुद्ध सरकार के द्वारा प्रारंभ किये गये अभियान की समीक्षा करते हुए सिन्हा ने उसमें और तेजी लाए जाने तथा इस कारोबार में लिप्त बड़े व्यापारियों का पता लगाने एवं उन्हें गिरफ्तार किए जाने का निर्देश दिया. समीक्षा के क्रम में पुलिस मुख्यालय के आर्थिक अपराध कोषांग ने जानकारी दी की दिसंबर 2012 के अंतिम सप्ताह में अवैध शराब के विरुद्ध विभिन्न जिलों में 49 कांड अंकित किये गये तथा 92 अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमें दर्ज कर 12 हजार 953 लीटर अवैध शराब जब्त की गयी. उन्होंने उत्पाद विभाग को निर्देश दिया कि समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर अवैध शराब के कारोबारियों के बारे में गुप्त सूचना मांगी जाय एवं सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखते हुए सूचनादाता को पुरस्कृत भी किया जाय.
सिन्हा ने यह भी निर्देश दिया कि जिन जिलों में सरकारी स्तर से शराब का उठाव कम है उन जिलों में अवैध शराब का कारोबार अधिक प्रचलित होने की संभावना के मददेनजर गहराई से छानबीन की जाय तथा अवैध व्यापार का पता लगाया जाय. अवैध शराब के कारोबारियों के द्वारा गलत तरीके से अर्जित की गयी संपति को जब्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग में प्राप्त प्रस्तावों के संबंध में समीक्षा करते हुये मुख्यसचिव ए के सिन्हा ने निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर संपति जब्त करने का आदेश सक्षम न्यायालय से प्राप्त करने के पश्चात संपति जब्त किया जाना सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने उत्पाद विभाग को निर्देश दिया कि शराब की अनुज्ञप्ति प्राप्त कर व्यापार करने वालों के एकाधिकार को तोड़ने के लिए नियमों में संशोधन किया जाय और यह भी सुनिश्चित किया जाय कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम पर अनुज्ञप्ति लेकर बेनामी कारोबार न करे.
बैठक के दौरान गृह विभाग के प्रधानसचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक अभयानंद, उत्पाद आयुक्त, आर्थिक अपराध इकाई के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
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