दस करोड़ मांग रहा था रिश्वत
छपरा के डीआईजी व पूर्व में पटना के एसएसपी रहे आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार एक शराब कारोबारी से दस करोड़ रुपये की घूस मांग रहे थे । घूस नहीं देने की स्थिति में धंधा चौपट कर देने की धमकी दी जा रही थी । रिश्वत उगाही के लिए डीआईजी ने अपने खास दलाल उमेश सिंह को तैनात कर रखा था ।
मूल रुप से जम्मू-कश्मीर काडर के आईपीएस आलोक कुमार नालंदा के रहने वाले हैं । नालंदा प्रेम की वजह से ही उन्हें पटना के एसएसपी की महत्वपूर्ण कमान मिली थी । पटना में भी उन्होंने जमीन-जायदाद के मामलों में खूब दिलचस्पी ली । डीजीपी अभयानंद की बात भी वे बूते के भरोसे नहीं सुनते थे,यह सभी जानते थे । प्रोन्नति के बाद भी वे पटना में ही डीआईजी बने रहना चाहते थे,लेकिन अभयानंद के वीटो के कारण उन्हें छपरा जाकर डीआईजी बनना पड़ा ।
छपरा में इस डीआईजी ने शराब कारोबारी टुन्ना जी पांडेय को टारगेट पर लिया । कहा,स्पिरिट में गड़बड़ है । बर्बाद हो जाओगे । बचना है और धंधा जारी रखना है,तो दस करोड़ दो । परेशान कारोबारी ने डीजीपी अभयानंद से गुहार लगाई । मामले की गंभीरता को देख कारोबारी पांडेय,डीआईजी आलोक कुमार व दलाल उमेश के फोन को सर्विलांस पर लिया गया । आरोप प्रमाणित हुआ ।
किस्त में लिये गये पांच लाख की जब्ती भी दलाल उमेश के घर से हो गई ।
अब पुलिस ने डीआईजी आलोक व दलाल उमेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है । उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को निलंबन की कार्रवाई भी हो जाएगी । क्या गिरफ्तारी भी होगी,इस पर अभी सभी चुप हैं । मालूम हो कि कुछ माह पहले ही लखीसराय की एसपी अनुसूया को बालू माफिया से सांठ-गांठ रखने के आरोप में निलंबित किया गया था ।
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