गृह मंत्रालय ने दिल्ली के सभी 166 पुलिस थानों में दो महिला उप निरीक्षक और सात महिला कांस्टेबलों की तैनाती के लिए आदेश दिये हैं। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज घोषणा की कि हर थाने में महिला कांस्टेबलों की तैनाती के लिए दिल्ली पुलिस विशेष अभियान चलाएगी ताकि महिलाओं में विश्वास पैदा हो सके।
शिंदे ने कहा, ‘मैंने हर थाने में दो महिला उप निरीक्षक और सात महिला कांस्टेबलों की तैनाती के लिए फाइल पर दस्तखत कर दिए हैं।’ गृह मंत्री का यह आदेश 16 दिसंबर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना पर पनपे जनविरोध के बाद आया है। दिल्ली में करीब 166 पुलिस थाने हैं और दिल्ली पुलिस में 83000 पुलिसकर्मियों का कार्यबल है जिसमें से छह हजार महिला पुलिसकर्मी हैं।
दिल्ली पुलिस के कामकाज की समीक्षा के लिए गठित विशेष कार्य बल ने भी बैठक में दिल्ली पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने पर फैसला किया। सरकार ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें मौजूदा कानूनों की समीक्षा के लिए समिति गठित करना भी शामिल है। सरकार ने 16 दिसंबर को हुई घटना के मामले में पुलिस और अन्य लोगों की खामियों की समीक्षा के लिए आयोग भी गठित किया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के चलते हर थाने में गैर सरकारी संगठनों का एक प्रतिनिधि नियुक्त करने का प्रयास भी किया जायेगा। बरखा स्वयं भी इस विशेष कार्य बल की सदस्य हैं। गृह सचिव आर के सिंह जो इस विशेष कार्य बल के अध्यक्ष हैं, ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह यौन उत्पीड़न के हर मामले को दर्ज करें और शीघ्र जांच करें।
सूत्रों के अनुसार रात में पुलिसकर्मियों की गश्त और सार्वजनिक परिवहन के फेरों में भी इजाफा किया जाएगा। यह विशेष कार्य बल पुलिस और दिल्ली सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिये उठाए गए कदमों की लगातार समीक्षा करता रहेगा। इस कार्यबल के अन्य सदस्यों में दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (परिवहन) और विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) शामिल हैं।
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