हर महीने चार सौ करोड़ रुपये के घाटे वाली एयर इंडिया की आमदनी बढ़ाने और खर्चे घटाने के लिए सरकार ने आईआईएम की मदद ली है। सरकार ने आईआईएम अहमदाबाद के प्रफेसर आर. एच. ढोलकिया की अगुआई में एक हाई लेवल कमिटी बनाई है ताकि वह बता सके कि उसे किस तरह अपने संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करके और आमदनी बढ़ाकर एयर इंडिया को घाटे से उबारकर कमाऊ बनाया जा सकता है। कमिटी को दो महीने में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
इस कमिटी का ऐलान केंदीय नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने किया। नागर विमानन मंत्री का कहना है कि दरअसल, एयर इंडिया को हर माह 404 करोड़ रुपये का घाटा होता है। इस तरह से अगर सालाना घाटे का अनुमान लगाया जाए तो यह 48 सौ करोड़ रुपये बैठता है। ढोलकिया कमिटी में मंत्रालय के ही जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. प्रभात कुमार, एयर इंडिया के पूर्व डायरेक्टर एच. मुखर्जी, आईसीआरआईएसएटी के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल सदस्य होंगे। इनके अलावा एयर इंडिया के जॉइंट एमडी नासिर अली इस कमिटी के मेंबर सेक्रेटरी होंगे।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस कमिटी का मुख्य कार्य यही होगा कि वह एयर इंडिया के खर्चों का विश्लेषण करके यह देखेगी कि किन खर्चों को कम या फिर पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। कमिटी यह भी सुझाव देगी कि इन खर्चों को एक ही झटके में बंद किया जाए या फिर उनमें चरणबद्ध तरीके से कमी की जाए। इसके अलावा दूसरे देशों में एयर इंडिया के कार्यालयों, वहां कार्यरत कर्मचारियों आदि के बारे में भी स्टडी करके देखा जाएगा कि उनकी वहां तैनाती जरूरी है या नहीं। इसके अलावा कमिटी एयर इंडिया द्वारा इस्तेमाल होने वाले ईंधन यानी एटीएफ का भी अध्ययन किया जाएगा कि उसका अधिकतम कैसे उपयोग हो। कमिटी से अंतरिम सिफारिशें भी मांगी जाएंगी ताकि उन्हें तुरंत लागू किया जा सके।
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