एनएसडी में नाटक का मंचन रद्द होने पर अफसोस करते हुए पाक रंगकर्मी जाहिर ने कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र से यह उम्मीद नहीं थी. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के लिए भारत रंग महोत्सव में आए पड़ोसी देश के नाट्य समूहों के नाटकों का प्रदर्शन रद्द होने पर अफसोस जाहिर करते हुए पाकिस्तान की जानी-मानी रंगकर्मी मदीहा गौहर ने कहा कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) को अपना स्वतंत्र रुख अख्तियार करना चाहिए था और नाटक का मंचन करना चाहिए था.
भारत सरकार के आमंत्रण अपनी संस्था अजोका की ओर से ‘कौन है ये गुस्ताख’ लेकर आईं गौहर ने कहा कि इस मामले में एनएसडी को स्वतंत्र रुख अख्तियार करना चाहिए था क्योंकि वह नाट्य और स्वायत्त संस्था है. थियेटर का मूल मंत्र ही है कि प्रदर्शन जारी रहे (शो मस्ट गो ऑन). उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात पाकिस्तान वापसी से पहले गौहर, राजधानी के अक्षरा थियेटर में शनिवार ही शाम मंटो पर आधारित इस नाटक का मंचन हो रहा है. उन्होंने अक्षरा की इस पहल को उम्मीद की किरण करार देते हुए कहा कि यही वजह है कि कुछ सिरफिरों की दबाव की रणनीति कामयाब नहीं हो पाती और भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद और अमन का सिलसिला कायम रहता है.
एनएसडी में नाटक का मंचन रद्द होने पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा ‘‘यह गैर-मुनासिब था. भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र से यह उम्मीद नहीं थी. हम तो तालिबान और अल-कायदा से जूझ रहे हैं, लेकिन आपके यहां तो खुली सोच के लिए खुला आसमान है. यहां तो ऐसा नहीं होना चाहिए था.
उल्लेखनीय है कि एनएसडी द्वारा आयोजित महोत्सव में मंटो पर आधारित पाकिस्तानी नाट्य समूह नापा के नाटक ‘मंटोरामा’ और अजोका की प्रस्तुति ‘कौन है ये गुस्ताख’ रद्द कर दी. ये प्रस्तुतियां गुरुवार और शनिवार को होनी थी. इससे पहले कुछ राजनैतिक दलों के विरोध के कारण जयपुर में भी इस सप्ताह बुधवार को होने वाली ‘कौन है ये गुस्ताख’ की प्रस्तुति रद्द कर दी गई थी.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें