राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को पाकिस्तान से स्पष्ट कहा कि भारत उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढाने को तैयार है लेकिन इसे हल्के ढंग से नहीं लिया जाना चाहिए । गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर देशवासियों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों के साथ घोर अत्याचार किया गया । उनका इशारा पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय सैनिक का सिर धड से अलग करने की ओर था । उन्होंने कहा कि भारत सीमा पर शांति चाहता है और वह दोस्ती की उम्मीद में हाथ बढाने को तैयार है लेकिन इसे हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता ।
दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार और उसके बाद आक्रोषित युवाओं के प्रदर्शन को लेकर ताजा चर्चा छेड़ते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सवाल उठाया कि देश की व्यवस्थापिका उभर रहे भारत को प्रतिविम्बित करती है या फिर इसमें मौलिक सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनता का विश्वास अवश्य जीतना चाहिए. युवाओं की व्यग्रता और अधीरता को तेजी और प्रतिष्ठा से पूरी व्यवस्था के साथ बदलाव की ओर निर्देशित करना होगा.
उन्होंने कहा कि एक युवती बर्बर बलात्कार और हत्या का शिकार बनी. वह युवती इस बात का प्रतीक है कि नये भारत को किस तरह बनने की कोशिश करनी चाहिए. इस घटना ने हमारे हृदय को छेद दिया और हमारे मन को बेचैन कर दिया. हमने एक अनमोल जीवन से कहीं ज्यादा खोया है. हमने एक सपना खोया है .
राष्ट्रपति ने सवाल किया कि यदि आज का युवा भारतीय नाराज है तो क्या हम अपने युवाओं को दोषी ठहरा सकते हैं?
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते साल में देश में गरीबी कम हुई है और गरीबी की वजह से आने वाली बुरी खबरों की संख्या में भी कमी आई है. देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के राजनीतिज्ञों को लोगों के दिल में खोया भरोसा वापस जगाना होगा.
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