गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए निजी निवेशकों को आकर्षित करने में असफलता मिलने के बाद एक सरकारी निकाय को इसके निर्माण का जिम्मा दिया गया है। सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा, "बिहार सरकार गंगा एक्सप्रेसवे के लिए प्रतिबद्ध है। चूंकि कोई निजी कम्पनी सामने नहीं आई इसलिए अब राज्य सरकार की अपनी एजेंसी ही इसका निर्माण करेगी।" पहले इस परियोजना का निर्माण सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति से होना था। अब सरकार ने पद्धति में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य सरकार ने पिछले साल अगस्त में दीदारगंज से दीघा घाट तक गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी थी। मंत्री के मुताबिक सरकार ने परियोजना के लिए 200 हेक्टेयर से कुछ अधिक भूमि के अधिग्रहण की भी मंजूरी दे दी है। परियोजना पर लगभग 2,234.46 करोड़ रुपये खर्च होगा और यह चार सालों में पूरी होगी।
पहले चरण में एक्सप्रेस दीदारगंज को दीघा से जोड़ा जाएगा और यह 21 किलोमीटर लम्बा होगा। दूसरे चरण में फतूहा को जोड़ा जाएगा, जिससे यह 18 किलोमीटर और लम्बा हो जाएगा। इसमें से लगभग सात किलोमीटर खंड ऊपरगामी मार्ग होगा। सड़क निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बिहार राज्य सड़क निर्माण निगम जैसी एजेंसी को परियोजना निर्माण से सम्बंधित कागजी कार्य पूरा करने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार गंगा एक्सप्रेसवे के लिए मार्च-अप्रैल 2013 तक निविदा जारी कर देगी।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें