लाहौर हाईकोर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को अदालत से जारी आदेश के मुताबिक 'राजनीतिक गतिविधियां छोड़ देनी चाहिए' और सत्तारूढ़ पीपीपी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल ने संघीय सरकार के वकील वसीम सज्जाद से कहा कि वह अदालत के 12 मई 2011 के आदेश के कार्यान्वयन के बारे में राष्ट्रपति की ओर से रुख स्पष्ट करें। बांदियाल पांच न्यायाधीशों की बेंच का नेतृत्व कर रहे हैं। पीठ ने सज्जाद को राष्ट्रपति का जवाब दाखिल करने के लिए 6 फरवरी तक का वक्त दिया है।
उन्होंने कहा कि अदालत अब आगे और किसी देरी के बिना मामले का फैसला करेगी। बेंच जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है।
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