अंधराष्ट्रवाद से बचने की आवश्यकता. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 15 जनवरी 2013

अंधराष्ट्रवाद से बचने की आवश्यकता.


एलओसी पर तनाव के बीच भाजपा के उग्र बयान के बाद सरकार ने आगाह किया कि हमारी प्रतिक्रियाएं ‘अंधराष्ट्रवाद’ की हद तक नहीं चली जाएं. सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को ट्विटर पर कहा, ‘‘पेशेवर सेनाएं समझौतों के नियमों का पालन करती हैं. उल्लंघनों पर रणनीतिक जवाब के जरिए जीत पाई जाती है, न कि अंधराष्ट्रवाद से.’’

तिवारी की यह टिप्पणी नियंत्रणरेखा पर पाकिस्तानी सेना के एक भारतीय सैनिक का सिर काटे जाने की घटना को लेकर भाजपा नेता सुषमा स्वराज के कड़े बयान के एक दिन बाद आई है. सुषमा ने कहा कि अगर पाकिस्तान शहीद सैनिक हेमराज का सिर नहीं लौटाता है तो भारत को पाकिस्तान से कम से कम 10 सिर लेकर आने चाहिए.
पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह के साथ सोमवार को हेमराज के परिवार से मुलाकात के बाद सुषमा ने कहा था, ‘‘सवाल यह है: क्या हम बिना जवाब दिए बैठेंगे और वार्ता में शामिल होंगे ? ...इसीलिए हमने सरकार से कठोर कदम उठाने को कहा है.’’

तिवारी ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ जिस तरह का अमानवीय व्यवहार किया गया है उससे समूचे देश में आक्रोश है. सरकार ने न सिर्फ अपना गुस्सा जताकर, बल्कि इसे एक तरह का निर्णायक बिन्दु बताकर भी जवाब दिया है.’’ 'पेशेवर सेनाएं समझौतों के नियमों का पालन करती है' उन्होंने कहा कि पेशेवर सेनाएं समझौतों के नियमों का पालन करती हैं और इन नियमों के उल्लंघन पर रणनीतिक जवाब से काबू पाया जाता है. तिवारी ने आगे कहा, ‘‘उन रणनीतिक कार्रवाइयों का फैसला पेशेवरों पर छोड़ देना ही श्रेयस्कर है. अंधराष्ट्रवाद से बचने की आवश्यकता है.’’

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