पश्चिम बंगाल में कम वजन और कुपोषण के कारण नवजात शिशुओं की मौत के बढ़ते आंकड़े का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार से अधिक संख्या में मरीजों का आना एक समस्या बन गई है। यहां उचित मूल्य पर दवा बेचने वाली एक दुकान का उद्घाटन करते हुए ममता ने कहा, "आप जानते हैं हमारी समस्या क्या है? बिहार से कई लोग इलाज के लिए अपने बच्चों को लेकर मालदा और मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल के जिले) के अस्पतालों में आते हैं।"
उन्होंने तुरंत कहा, "बिहार हमारा पड़ोसी है और हमारे चिकित्सकों को वहां से आने वाले मरीजों का इलाज करना पड़ता है। हम इसके लिए तैयार हैं। आप इंसानों के बीच भेदभाव नहीं कर सकते।" गौरतलब है कि मालदा जिले के अस्पतालों में बच्चों की मौत काफी समय से लगातार चर्चा में रही है। पिछले वर्ष जनवरी में यहां 100 बच्चों की मौत हुई थी।
ममता ने कम वजन वाले और समय से पहले बच्चे पैदा होने के लिए कम उम्र में लड़कियों की शादी होने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2011 की शुरुआत में 23 फीसदी नवजात शिशुओं की मौत होती थी, लेकिन उनके शासनकाल में शिशु मृत्यु दर घटकर 19 फीसदी रह गई है। ममता ने कहा, "हम 31 मार्च तक 40 स्पेशल न्यूबॉर्न केयर इकाइयां स्थापित करेंगे। इनमें से 21 में सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। ऐसे शिशुओं के विशेष इलाज के लिए हम 11 जच्चा-बच्चा केंद्र स्थापित करने की योजना भी बना रहे हैं।"
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