रेलमंत्री के नाम जनता का आदेश-पत्र!
माननीय रेल मंत्री, भारत सरकार,
भारत को अजाद हुए 65 साल से भी ज्यादा हो गए हैं, लेकिन भारतीय रेल-सेवा की व्यवस्था आज भी अंग्रेजों के जमाने की है। पिछले 20 जनवरी-2013 को मुझे दिल्ली से मुम्बई रेल मार्ग से आना पड़ा। देहरादून एक्सप्रेस जो कि हरिद्वार से चलकर दिल्ली के रास्ते मुम्बई के बान्द्रा टर्मिनस तक आती है, में मैंने अपना रिजर्वेशन कराया। एस-4 में 18 नम्बर की सीट मेरे नाम हज़रत निजामुद्दीन से बान्द्रा तक आरक्षित हुई।
दिल्ली से मुम्बई तक पहुंचने में तकरीबन 30 घंटे का सफर करना पड़ा। साफ-सफाई की जो अव्यवस्था इस ट्रेन में थी उसकी बात मैं नहीं करना चाहता हूं। मुझे तो हैरत इस बात पर हुई कि लगभग 40 घंटे (हरिद्वार से मुम्बई) की यात्रा पर निकली इस रेलगाड़ी में पैन्ट्रीकार की सुविधा ही नहीं है। रेलवे की इस कु-व्यस्था को देखकर अपना सिर पिटने के सिवाय मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। किसी तरह छोटे-बड़े स्टेशनों पर से खाने-पीने की जो वस्तु मिल पा रही थी, उससे अपनी भूख शांत करने का प्रयास हम-सभी यात्री कर रहे थे।
भारत का एक नागरिक होने के नाते माननीय रेल मंत्री से अनुरोध-पूर्वक मांग करता हूं कि लंबी दूरी की जितनी भी ट्रेन हैं, अगर उनमें देहरादून एक्सप्रेस की तरह पैन्ट्रीकार नहीं है तो जल्द से जल्द पैन्ट्रीकार की व्यवस्था की जाए।
माननीय रेल मंत्री जी, हमें नहीं लगता कि आपको नागरिकों के अधिकारों के बारे में बताने की जरूरत है। आप यथाशीघ्र हमारी मांगों पर सकारात्मक कार्य करें। हमारी इस बात को आप जनता का आदेश मान सकते हैं! हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप जनता के आदेश का पालन करेंगे!
आपका
आशुतोष कुमार सिंह, नेशनल को-आर्डिनेटर, प्रतिभा-जननी सेवा संस्थान
संपर्क-pratibhajanani@gmail.com
1 टिप्पणी:
mantrijii ko aam logon ki chinta thore hi hai ...unhi kabhi rail me kahan kahne ki jarurat hi nahi hote hai ....ya itni der yelog hawae jahaj se jate hain is kaaran logon ki dikkton ke bare me thore hi pata hoga
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