सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के एक लाख कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। दरअसल, यह जानी-मानी कंपनी अपने एक लाख कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम (वीआरएस) की पेशकश करना चाहती है ताकि उसका वेतन बोझ कम हो सके। इससे कंपनी को अपना घाटा कम करने में भी मदद मिलेगी। बीएसएनएल के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'कंपनी में तकरीबन एक लाख कर्मचारी जरूरत से ज्यादा हैं।
यही कारण है कि कंपनी इन्हें वीआरएस की पेशकश किए जाने के पक्ष में है।' उन्होंने कहा कि वीआरएस संबंधी प्रस्ताव सरकार को पेश किया जा चुका है। गौरतलब है कि बीएसएनएल के कुल राजस्व का तकरीबन 48 फीसदी उसके कर्मचारियों को तनख्वाह देने में ही चला जाता है।
अधिकारी ने कहा, अगर ये सभी एक लाख कर्मचारी वीआरएस की पेशकश पर अपनी हामी भर दें तो कंपनी का सैलरी बोझ घटकर महज 10 से 15 फीसदी रह जाएगा। मालूम हो कि 31 मार्च, 2011 को बीएसएनएल में कुल मिलाकर 2.81 लाख कर्मचारी थे। जहां तक बीएसएनएल के मुनाफे का सवाल है, इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
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