सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की सुनवाई करने वाली त्वरित अदालत को बुधवार को निर्देश देते हुए यह पता करने के लिए कहा है कि मामले के एक आरोपी मुकेश को हिरासत में प्रताड़ित तो नहीं किया जा रहा। प्रधान न्यायाधीश अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुकेश के वकील एम.एल शर्मा के यह बताए जाने के बाद कि उन्हें मुकेश से मिलने की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि उसे हिरासत में प्रताड़ित किया जा रहा है, त्वरित अदालत को निर्देश जारी किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने त्वरित अदालत को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मुकेश राजा रमन को निचली अदालत में वकील के रूप में रखना चाहता है या नहीं। सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्टीकरण एक अन्य वकील वी.के. आनंद के दुष्कर्म आरोपी के परिवार की ओर से पैरवी करने का दावा पेश किए जाने के बाद मांगा है।
त्वरित अदालत से रिपोर्ट की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने मामले की सुनवाई मंगलवार (29 जनवरी) तक के लिए स्थगित कर दी। मुकेश ने दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई के लायक वातावरण नहीं होने का संदेह जताते हुए मामले को मथुरा या कोयंबटूर की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें