दिल्ली में चलती बस में वहशियाना दरिंदगी की शिकार हुई लड़की की अस्थियां मंगलवार को उसके गृह जनपद बलिया स्थित भरौली घाट पर गंगा में प्रवाहित कर दी गईं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि देश में बलात्कार के खिलाफ व्यापक आंदोलन की वजह बनी लड़की की अस्थि कलश यात्रा उसके पुश्तैनी गांव मेड़वार कलां स्थित उसके घर से शुरू हुई। गांव की इस बेटी के आखिरी दर्शन से महरूम हुए उसके रिश्तेदारों तथा अन्य ग्रामीण उसके अवशेषों की अंतिम यात्रा में उपस्थित हुए।
महिलाओं के करुण कंद्रन के बीच सैकड़ों लोग अस्थि कलश यात्रा में शामिल हुए। खासी भीड़ होने और घर-घर के सामने रुकने की वजह से भरौली घाट तक का आठ किलोमीटर का सफर तय करने में तीन घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया। भरौली घाट पर पहुंचने पर विसर्जन पूर्व रस्में अदा की गईं। उसके बाद लड़की के परिजन तथा क्षेत्रीय विधायक उपेन्द्र तिवारी स्टीमर में बैठे और गंगा की बीच धारा में अस्थियां विसर्जित कर दीं। यह रस्म अदा करते वक्त लड़की के पिता और दोनों भाइयों की आंखों से बरसे आंसुओं ने नदी किनारे खड़े ग्रामीणों को भी द्रवित कर दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली में गत 16 दिसम्बर को चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की की पिछले शनिवार को सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। उसका अस्थिकलश कल विसर्जन के लिये उसके पैतृक गांव मेड़वार कलां लाया गया था।
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