मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढाचे को ढहाए जाने के बाद से देश में हुए सभी बम विस्फोटों की जांच की जानी चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि उन्हें हिदुत्ववादी ताकतों पर संदेह है। इस बारे में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में आतंकवाद फैला रहे हैं।
मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर इस बात के लिए हमला किया कि उन्होंने बम विस्फोट के मामलों में प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों का बचाव करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस शिंदे पर इसलिए हमला कर रहे हैं, क्योंकि वह दलित हैं। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों और दलितों के बीच एकता के लिए काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं, जिस दिन आंध्र प्रदेश में हमारे पास मायावती और मुलायम सिंह जैसे नेता होंगे। हम उन लोगों के साथ काम करेंगे। एमआईएम मुख्यालय पर आयोजित इस सभा में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया, जो दोपहर लगभग 12.30 बजे तक चलती रही। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदुओं या हिंदुत्व के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदूवादी ताकतों व संघ परिवार के खिलाफ है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें