गडकरी के अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 21 जनवरी 2013

गडकरी के अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध.


राम जेठमलानी के बेटे और बीजेपी नेता महेश जेठमलानी नितिन गडकरी को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि गडकरी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और इसलिए उनका दोबारा पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाना चाहिए. 

महेश गडकरी ने धमकी दी है कि अगर नितिन गडकरी को दोबारा भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला होता है तो वह भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेगे.हालांकि महेश जेठमलानी चुनाव लड़ने की बात से इंकार कर रहे हैं. गडकरी के विरोध में जेठमलानी बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से इस्तीफा भी दे चुके हैं.

पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं का मानना है कि गडकरी के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए पार्टी को चुनावों में इसे मुद्दा बनाने में दिक्कत आएगी. महेश जेठमलानी के अलावा आरएसएस नेता सुरेश सैनी भी गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में खड़े हैं. हां और ना कि इस जद्दोजहद के बीच रविवार 20 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी हुई थी. गडकरी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए 23 जनवरी तक पर्चा भरेंगे और समझा जा रहा है कि उसी दिन चुनाव भी हो जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि लालकृष्ण आडवाणी भी गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में हैं. उन्होंने वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का नाम इस पद के लिए आगे किया था. उधर सुषमा का कहना है कि वह अध्यक्ष बनने की इच्छुक नहीं हैं. सुषमा के अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी सामने आया था. सूत्रों ने बताया कि मोदी ने खुद भी पार्टी अध्यक्ष बनने की इच्छा नहीं जताई. सूत्रों का कहना है कि अगले वह लोकसभा चुनावों में केन्द्रीय स्तर पर भाजपा के लिए चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का समर्थन प्राप्त नितिन गडकरी को दूसरा कार्यकाल देने पर आमसहमति बनती दिख रही है. 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि आडवाणी भी आखिरकर गडकरी के नाम पर राज़ी हो गए हैं क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन सकी. उल्लेखनीय है कि उन्हें गडकरी को दूसरा कार्यकाल देने पर आपत्ति थी. आरएसएस गडकरी को दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनाने पर बल देता रहा है और संघ प्रमुख मोहन भागवत खुद भी उनका समर्थन कर रहे हैं. संघ को लगता है कि लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले गडकरी को अगले लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व मिलना चाहिए. उसका मानना है कि गडरी ने तीन साल पहले जो काम अपने हाथ में लिया था वह अब भी पूरा नहीं हो पाया है. 

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है. पार्टी ने कहा है कि 23 जनवरी सुबह दस बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे और साढ़े ग्यारह बजे से लेकर 12 बजे तक उनकी जांच की जाएगी. बारह बजे से लेकर साढ़े बारह बजे तक नाम वापस लिये जाने के बाद यदि ज़रूरत महसूस हुई तो चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी. यदि प्रतिस्पर्धा नहीं हुई तो उसी दिन साढे बारह बजे निर्वाचित उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी.। 

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