राजधानी पटना सहित बिहार के सभी क्षेत्रों में सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सहित कई नदियों, जलाशयों में लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किया। पटना में गंगा स्नान के लिए रविवार की शाम से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। सोमवार को ठंड के बावजूद सुबह से ही गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचकर लोगों ने स्नान किया। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं।
विद्वानों के मुताबिक इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण हो जाता है। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से खरमास भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं। पंडित जय कुमार शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष सूर्य के संक्रमण काल में चार ग्रह एक साथ होंगे। सूर्य, चन्द्र, मंगल और बुध एक साथ रहेंगे। ऐसा विशेष संयोग 12 वषरें के बाद आया है।
बिहार के बक्सर, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मुंगेर सहित सभी क्षेत्रों में लोग मकर संक्रांति पर्व मना रहे हैं। इस दिन चूड़ा-दही तथा तिलकुट खाने की भी परम्परा है। मकर संक्रांति के दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर लोग मंदिरों में भी पहुंचकर पूजा-अर्चना और दान-पुण्य कर रहे हैं। इस कारण मंदिरों में भारी भीड़ देखी जा रही है।
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