वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार को अमीरों पर आम लोगों की तुलना में अधिक कर लगाने पर विचार करना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि हमें इस सुझाव पर विचार करना चाहिए कि क्या आर्थिक रूप से अति संपन्न लोगों को कुछ मौकों पर अतिरिक्त कर का भुगतान करना चाहिए।
वित्त मंत्री के इस बयान से देश के अमीर उद्योगपतियों के माथे पर चिंता की लकीरे घिर आई है। फिलहाल दस लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर चुकाना पड़ता है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इस श्रेणी मे किन लोगो को शामिल किया जाना चाहिए और यह भी स्पष्ट नहीं किया कि वह इसका र्समथन करेंगे अथवा नहीं।
देश में लगातार कम हो रहे कर संग्रह के कारण सरकार पर राजकोषीय घाटे से उबरने और कल्याणकारी कार्यक्रमों के वित्त पोषण के लिए लोगों से अधिक कर उगाहने का दबाव है। मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में कर संग्रह पिछले एक दशक के सबसे निचले स्तर तक गिर गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने भी पिछले माह सुझाव दिया था कि अति संपन्न लोगों की आय पर अधिक कर लगाने अथवा आयकर के भुगतान पर सरचार्ज लगाने पर विचार किया जाना चाहिए। साल 2013-14 के बजट से पूर्व इस पर व्यापक चर्चा हो सकती है।
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