पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ से सम्बंधित भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी की मृत्यु की जांच पूरी होने तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। रेंटल बिजली परियोजना से सम्बंधित भ्रष्टाचार के इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। जीयो न्यूज के मुताबिक एनएबी के अध्यक्ष एडमिरल (सेवानिवृत्त) फसीह बुखारी ने कहा कि कामरान फैजल की मृत्यु की जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती है, तब तक रेंटल बिजली संयंत्र मामले की जांच स्थगित रहेगी।
देश की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी एनएबी के सहायक निदेशक कामरान फैजल रेंटल बिजली संयंत्र (आरपीपी) मामले की जांच करने वाली टीम में शामिल था। उसे 18 जनवरी को अपने घर में झूलता पाया गया। बुखारी ने एक बयान में कहा कि एनएबी के जांच अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को धमकी मिल रही हो या जिन पर दबाव डाला जा रहा हो, उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।
शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यदि जांच असंतोष जनक रहेगी तो वे फिर से जांच की पहल कर सकते हैं। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में प्रधानमंत्री अशरफ की संलिप्तता पर 15 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया। अशरफ पर आरोप है कि जब वह जल और विद्युत मंत्री थे तो उन्हें रेंटल बिजली परियोजना के आवंटन में नियमों को तोड़ा था। अदालत ने अशरफ के साथ 16 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिनमें पूर्व मंत्री और अधिकारी शामिल हैं।
अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी को आदेश दिया कि वह ध्यान रखे कि कोई भी आरोपी देश से भाग न सके। अदालत ने रेंटल बिजली परियोजनाओं को अवैध घोषित कर दिया है और उन्हें बंद करने का आदेश दिया है।
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