सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उप लोकपाल की नियुक्ति खारिज करने संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। उप लोकपाल के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) चंद्रशेखरैया की नियुक्ति खारिज करते हुए न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की खंडपीठ के दोनों सदस्य इस बात पर एकमत रहे कि मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल उप लोकपाल की नियुक्ति कर सकते हैं।
उच्च न्यायाल ने कहा कि नियुक्ति में मुख्यमंत्री की सिफारिश को वरीयता मिलनी चाहिए न कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित परामर्शदातओं की राय को। उचित चर्चा और सार्थक बातचीत के बाद मुख्यमंत्री विचार के लिए नाम चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। इस नियुक्ति में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने के आधार पर नियुक्ति खारिज की गई है।
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