कांग्रेस नेताओं ने आज संकेत दिया कि पार्टी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद रविवार को कांग्रेस महासमिति की बैठक में राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की औपचारिक घोषणा हो सकती है। पार्टी के युवा नेता और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राहुल पहले ही बड़े-बड़े कदम उठा रहे हैं और कई बड़े फैसले करते आ रहे हैं। यहां चल रहे चिन्तन शिविर में भी लगभग 60 प्रतिशत युवाओं की भागीदारी उन्हीं की पहल का नतीजा है।
जब कहा गया कि राहुल अनौपचारिक रूप से पार्टी में नंबर दो हैं और अधिकतर बडे फैसलों में वह शामिल होते हैं, लेकिन औपचारिक रूप से उनके द्वारा पार्टी की अगुवाई करने की घोषणा कब होगी तो सिंधिया का जवाब था, कल तक इंतजार कीजिए। गौरतलब है कि 18 जनवरी से शुरू हुए दो दिवसीय चिन्तन शिविर के बाद रविवार को कांग्रेस महासमिति की बैठक होनी है और बैठक के अंत में अन्य बातों के अलावा राहुल की भूमिका को लेकर भी बड़े फैसले हो सकते हैं।
एक अन्य वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी इसी तरह का आभास देते हुए कहा कि राहुल को और बड़ी भूमिका दिये जाने की सभी लोगों की भावनाओं को देखते हुए कल कोई फैसला हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को करना है और खुद राहुल को भी तय करना है कि वह क्या चाहते हैं।
शुक्ला ने कहा कि यह लगभग निश्चित है कि 2014 के लोकसभा चुनाव की अगुवाई राहुल ही करेंगे। इस सवाल पर कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है, शुक्ला ने कहा कि ये सब बातें बाद में देखने की हैं और पार्टी अध्यक्ष इस बारे में फैसला करेंगी लेकिन यह तय है कि वह आने वाले दिनों में बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं।
एक अन्य युवा नेता एवं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि हम सबकी भावना है कि राहुल को पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाए और हमें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस की इस तीन दिवसीय बैठक में ऐसा कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा। जितिन प्रसाद ने कहा कि नि:संदेह राहुल हमारे नेता हैं और वह वर्ष 2014 में पार्टी और देश दोनों की अगुवाई करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल परोक्ष रूप से पहले से ही पार्टी में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वह प्रत्यक्ष रूप से ऐसा करना शुरू करें।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि राहुल पहले से ही हमारे नेता हैं। हमारे पास एक स्थिर नेतृत्व है, जिसका हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमेशा से स्थिर नेतृत्व रहा है और अगर पार्टी तथा जनता के बीच संवाद में कोई कमी आई है तो उसे दूर किया जाएगा।
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से राहुल के साथ है। लेकिन पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने को लेकर वह खुद ही फैसला करेंगे। हमारे लिए जनता का सशक्तिकरण प्राथमिकता है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। अय्यर ने कहा कि जहां तक भाजपा का सवाल है तो वह इस तरह के चिंतन शिविर आयोजित नहीं कर सकती है क्योंकि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कठपुतली है। मिलिंद देवड़ा ने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है। लेकिन जनता से संवाद बनाए जाने की जरूरत है।
वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी ने राहुल को और बड़ी भूमिका दिए जाने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही नयी पीढ़ी को वरीयता देती आई है। इसीलिए पार्टी के पास पहले से ही नया नेतत्व सदैव तैयार रहता है। उन्होंने कहाउ कि इसी कड़ी में यहां हो रहे चिंतन शिविर में इस बार युवाओं को खास तौर पर बड़ी संख्या में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि यह देख कर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि शिविर की समूह चर्चाओं में यह प्रतिनिधि बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। चीजों को वैज्ञानिक रूप से देख रहे हैं और पेश कर रहे हैं। वह चर्चाओं में ठोस सुझाव दे रहे हैं, जिससे पार्टी को आगामी रणनीति बनाने में काफी मदद मिल रही है।
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