मकर संक्रांति के अगले दिन से जदयू के संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पंद्रह जनवरी से 20 जनवरी के बीच पंचायत स्तर के चुनाव करा लिए जाएंगे। गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में जिला निर्वाची पदाधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक में चुनावों की तिथियां घोषित कर दी गई। साथ ही मतदाता सूची का भी प्रकाशन हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 15 फरवरी से पहले करा लिया जाएगा। हालांकि इसकी तिथि बाद घोषित होगी। बैठक के बाद पार्टी के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी और विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने बताया कि प्रखंड और जिलाध्यक्ष का चुनाव क्रमश: 25-30 जनवरी और 5-10 फरवरी के बीच कराया जाएगा। मतदाता सूची में लगभग 23 लाख सदस्यों के नाम शामिल हैं। पार्टी संविधान के अनुसार एक व्यक्ति लगातार दो बार प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रह सकता है।
पंचायत से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक की उम्मीदवारी के लिए सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है। सक्रिय सदस्यता के लिए कम से कम 25 प्राथमिक सदस्य बनाना अनिवार्य है। श्री ज्ञानू ने बताया कि 6 जनवरी तक सभी जिलों को सदस्यता सूची और वृक्षारोपण के फोटोग्राफ के आधार पर मतदाता सूची तैयार की गई है। चुनाव कराने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष या महासचवि स्तर के 42 पदाधिकारियों को जिलावार पर्यवेक्षकों बनाया गया है।
जदयू की अधिकार रैली का हिसाब मांग रहा है आयकर विभाग। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर जदयू ने गत वर्ष 4 नवम्बर को गांधी मैदान में अधिकार रैली का आयोजन किया था। राज्य के कोने-कोने से जनसमूह ने रैली में शिकतर की। पटना में लोगों को ठहराने और खाने-पीने की व्यवस्था जदयू और उसके नेताओं द्वारा गई थी। आयकर विभाग ने रैली का पूरा हिसाब मांगा है। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया है। गुरुवार को श्री सिंह ने कहा कि जदयू हरेक वर्ष रिटर्न दाखिल करता है। रैली में हुए सभी प्रकार के खर्चो का पूरा हिसाब उपलब्ध है। हम अपने सालाना रिटर्न में इसे दिखा देंगे।
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