दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद अमेरिका ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से लड़ने के लिए भारत के सार्वजनिक एवं निजी संगठनों को मजबूत बनाने के लिए मदद की पेशकश की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लड़ने के लिए दुनियाभर में कड़ी मेहनत की है। जहां भी इस तरह की समस्या होगी, अमेरिका इसे अपनी विदेश नीति का हिस्सा बनाए रखेगा।
नूलैंड ने कहा कि पीड़िता की मृत्यु के बाद अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने 29 दिसम्बर को एक बयान दिया था, और इन घटनाओं के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की थी। नूलैंड ने कहा, "हमारे पास ऐसे कई कार्यक्रम हैं, जिनसे हिंसा पीड़ित महिलाओं को मदद मिलती है। भारत में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के समर्थन में सार्वजनिक शिक्षा ऐसा ही एक कार्यक्रम है।" उन्होंने कहा, "इस मामले की जांच से यदि यह सामने आता है कि भारत सरकार इन कार्यक्रमों को लेकर किसी तरह का परिवर्तन करना चाहती है या नए निर्देश जारी करना चाहती है तो हम इस बारे में उनसे बातचीत करना चाहेंगे।"
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को भारत में हुए इस वारदात की जानकारी है, नूलैंड ने कहा, "मुझे भरोसा है कि वह इस बारे में जानती हैं। इस मुद्दे को मीडिया में खूब जगह मिली है और यह एक बेहद संवेदनशील विषय है, जिसके बारे में वह सोचती रहती हैं।"
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